शैलेश गौतम, अग्र भारत संवाददाता
आगरा/अछनेरा। अछनेरा थाना क्षेत्र में तैनात सिपाही पर युवक के साथ बेरहमी से मारपीट, साक्ष्य नष्ट करने और झूठा मुकदमा दर्ज कराने जैसे गंभीर आरोपों का मामला अब न्यायालय की चौखट तक पहुंच गया है। पीड़ित युवक ने पुलिस अधिकारियों से न्याय न मिलने पर अंततः अदालत का रुख किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 नवंबर 2025 को अछनेरा थाने में तैनात सिपाही/डाक रनर अनिल ने अपने साथी सुमित सारस्वत के साथ मिलकर युवक अभिषेक के साथ गंभीर मारपीट की। आरोप है कि घटना की सीसीटीवी डीवीआर तथा मोबाइल रिकॉर्डिंग को अपने पद व प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए जबरन डिलीट कराया गया। इतना ही नहीं, पीड़ित अभिषेक और उसके साथियों के खिलाफ झूठा मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।पीड़ित द्वारा इस संबंध में पुलिस के उच्चाधिकारियों को कई बार शिकायतें भेजी गईं,और तकनीकी सिस्टम के द्वारा सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा रिकवर करवाने की भी गुहार लगाई थी,थाने में ले जाकर सिपाही द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से थर्ड डिग्री देने के आरोप लगाते हुए,थाने के सीसीटीवी फुटेज द्वारा जांच कराने की मांग की थी,लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर अभिषेक ने अपने अधिवक्ता सुमंत चतुर्वेदी के माध्यम से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या–10, आगरा की अदालत में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया।मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय न्यायालय ने अछनेरा थाना अध्यक्ष से विस्तृत आख्या तलब की है, जिसकी अंतिम तिथि समाप्त होने के आज प्रकरण की न्यायालय में सुनवाई निर्धारित की गई है।अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आरोपी सिपाही के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई होगी या फिर एक बार फिर वर्दी का दबदबा न्याय पर भारी पड़ेगा।
