झाँसी उत्तर प्रदेश
सुल्तान आब्दी
झांसी में गवाह को धमकाने, घर में तोड़फोड़ और साक्ष्य नष्ट करने का आरोप, पुलिस से सुरक्षा की मांग
झांसी से एक गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां एक महिला गवाह को लगातार धमकी दिए जाने, घर में तोड़फोड़ करने और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लगे हैं। पीड़िता श्रीमती असमा खातून पत्नी स्वर्गीय अब्दुल रहमान, निवासी ग्राम महसू, पोस्ट बसडीहा, थाना नबीनगर, जिला औरंगाबाद (बिहार) ने झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपकर अपनी जान-माल की सुरक्षा और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
पीड़िता के अनुसार, थाना प्रेमनगर क्षेत्र के खाती नगर राजगढ़ बिजौली निवासी पिंकी पत्नी सुरेश, उसके पुत्रों और भाइयों द्वारा उन्हें लगातार डराया-धमकाया जा रहा है। असमा खातून एक ऐसे आपराधिक मामले में महत्वपूर्ण गवाह हैं, जो उनके स्वर्गीय पुत्र तौकीर से संबंधित है।
न्यायालय के आदेश से दर्ज है गंभीर धाराओं में मुकदमा
मामले में पैरोकार मोहम्मद कलाम पुत्र बाबूदीन की ओर से न्यायालय के आदेश पर थाना प्रेमनगर में मुकदमा अपराध संख्या 0363/2025 दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120-बी, 504 और 506 भादंवि के अंतर्गत पंजीकृत है, जिसमें असमा खातून अहम गवाह हैं।
बंधक बनाने और धमकियों का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि पूर्व में विपक्षी पिंकी और उसके सहयोगियों ने उन्हें और उनके पति अब्दुल रहमान को झांसी में बंधक बनाकर रखा था। शिकायत करने के बाद लगातार फोन कॉल के जरिए मुकदमा वापस लेने और समझौता करने का दबाव बनाया गया। इन धमकियों के चलते उनके पति को हार्ट अटैक आया, वे कोमा में चले गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
गवाही देने पर जान से मारने की धमकी
असमा खातून ने बताया कि हाल ही में जब वह गवाही देने के लिए झांसी आईं और अपने स्वर्गीय पुत्र तौकीर के राजगढ़ स्थित मकान में ठहरीं, तब विपक्षी पिंकी और उसके परिजनों ने फिर से धमकाना शुरू कर दिया। आरोप है कि साफ कहा गया कि यदि उन्होंने गवाही दी तो उनका अंजाम भी उनके पुत्र और पति जैसा ही होगा।
घर में तोड़फोड़, CCTV तोड़े, ताले तोड़े
पीड़िता ने आरोप लगाया कि राजगढ़ स्थित मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए, ताले तोड़े गए और पहले भी घर से सामान चोरी किया जा चुका है। यह कृत्य साक्ष्य नष्ट करने और भय उत्पन्न करने की श्रेणी में आता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।
गंभीर धाराओं में कार्रवाई की मांग
पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में इसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 232 (गवाह को धमकाना) सहित 324, 329, 351 और 352 के तहत गंभीर और संज्ञेय अपराध बताया है। उन्होंने मांग की है कि पिंकी पत्नी सुरेश व उसके सहयोगियों के खिलाफ गवाह को धमकाने, तोड़फोड़ और साक्ष्य नष्ट करने की धाराओं में तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।
मुकदमा अपराध संख्या 0363/2025 में नामजद अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। उन्हें और उनके परिवार को तत्काल पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
राजगढ़ स्थित मकान में हुई तोड़फोड़ और चोरी की निष्पक्ष जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पीड़िता का कहना है कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होने से उनके हौसले बुलंद हैं और उन्हें अपने जीवन व संपत्ति को लेकर गंभीर खतरा बना हुआ है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और सख्ती से कार्रवाई करता है।

