सुल्तान आब्दी
70 से अधिक प्रश्नों से संसद में क्षेत्रीय समस्याओं से लेकर राष्ट्रीय नीतियों तक उठाए मुद्दे
झांसी/नई दिल्ली।
झांसी–ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग शर्मा ने संसद के शीतकालीन सत्र में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाते हुए बुंदेलखंड की जमीनी समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से उठाया। सत्र के दौरान उन्होंने 70 से अधिक प्रश्न पूछे, जिनके माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, उद्योग, निर्यात, रक्षा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। उनके प्रश्नों ने यह स्पष्ट किया कि वे संसद को केवल औपचारिक मंच नहीं, बल्कि नीति सुधार और जनहित की आवाज मानते हैं।
सांसद ने MSME और औद्योगिक विकास को बुंदेलखंड के रोजगार सृजन की धुरी बताते हुए क्षेत्र को “MSME प्राथमिकता क्षेत्र” घोषित करने की मांग की। उन्होंने झांसी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में MSME क्लस्टरों, वित्तीय वर्ष 2024–25 की निधि, रियायती ऋण, भूमि उपलब्धता और विपणन सहायता पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा। इसी क्रम में उन्होंने MAI और TIES योजनाओं के तहत झांसी जैसे उभरते औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ दिए जाने का मुद्दा भी उठाया।
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े प्रश्नों में सांसद ने कैंसर उपचार की आधुनिक सुविधाओं पर विशेष जोर दिया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा मंत्रालय से रेडिएशन थेरेपी, PET-CT, ब्रैकीथेरेपी, रेडियो आइसोटोप और न्यूक्लियर इमेजिंग तकनीकों के विस्तार, BARC द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीकों के उपयोग और नए कैंसर केयर सेंटरों की स्थापना पर सरकार की रणनीति जाननी चाही। आयुष मंत्रालय से उन्होंने बुंदेलखंड में आयुष केंद्रों के डिजिटलीकरण, चिकित्सकों के क्षमता निर्माण और औषधीय पौधों के संरक्षण से जुड़ी योजनाओं पर भी प्रश्न किए।
युवा, खेल और शिक्षा को भविष्य की आधारशिला बताते हुए सांसद ने TOPS योजना के तहत चयनित खिलाड़ियों के प्रदर्शन, ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों की प्रतिभाओं को आगे लाने की नीति और ओलंपिक तैयारी पर सवाल उठाए। शिक्षा मंत्रालय से उन्होंने नई शिक्षा नीति, शिक्षक प्रशिक्षण, डिजिटल डिवाइड, व्यावसायिक शिक्षा, भारतीय भाषाओं के संवर्धन और कमजोर वर्गों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने पर सरकार से जवाब मांगा।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर सांसद ने ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत वृक्षारोपण, जैव विविधता संरक्षण, कार्बन अवशोषण क्षमता बढ़ाने और सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी व रोजगार सृजन की प्रगति पर प्रश्न उठाए। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से उन्होंने जलवायु परिवर्तन, भू-क्षरण, भूजल संकट और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करने की दिशा में सरकार की रणनीति स्पष्ट करने को कहा।
रक्षा और अधोसंरचना विकास से जुड़े मुद्दों में सांसद ने पूर्व सैनिक कल्याण योजनाओं, युवाओं के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रमों, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दिल्ली–मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) के अंतर्गत बुंदेलखंड में स्वीकृत परियोजनाओं, निवेश और आधारभूत ढांचे की स्थिति पर सवाल उठाए। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों, फ्लाईओवर और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को लेकर भी उन्होंने संसद में बुंदेलखंड की आवाज रखी।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सांसद ने सूखा, जल संकट और मृदा क्षरण से जूझ रहे बुंदेलखंड के लिए विशेष कृषि विकास मिशन, जल संरक्षण, माइक्रो-इरिगेशन, सूखा-रोधी फसलों और मूल्य संवर्धन पर विशेष बजट की मांग उठाई। साथ ही NFSA, PACS के आधुनिकीकरण, पर्यटन, कौशल विकास और रोजगार सृजन से जुड़े प्रश्नों के माध्यम से उन्होंने समावेशी विकास पर जोर दिया।
संसद के शीतकालीन सत्र में सांसद अनुराग शर्मा द्वारा उठाए गए ये प्रश्न दर्शाते हैं कि वे बुंदेलखंड को केवल समस्याओं का क्षेत्र नहीं, बल्कि नीति, संसाधन और विकास की संभावनाओं का केंद्र बनाना चाहते हैं। क्षेत्रीय जनता को उम्मीद है कि इन प्रयासों से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ बुंदेलखंड तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचेगा।
