पहली बार मिला थाने का चार्ज ,लूट का मुकदमा चोरी में लिखने में रहे सुर्खियों में
अग्र भारत संवाददाता
आगरा। किरावली थाना पुलिस की कथित बर्बरता का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) तक पहुंच गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
मामला किरावली क्षेत्र के गांव करहरा निवासी पूर्व फौजी वनवीर सिंह की पांच अगस्त को हुई हत्या से जुड़ा है। पुलिस ने रविवार को पूछताछ के नाम पर पड़ोसी युवक राजू पंडित को थाने बुलाया था। आरोप है कि रात में पुलिसकर्मियों ने राजू को उल्टा लटकाकर डंडों से बेरहमी से पीटा, जिससे उसके दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं।करीब 24 घंटे बाद मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया, तब थाना प्रभारी नीरज कुमार, दारोगा धर्मवीर सिंह और बीट सिपाही रवि मलिक को निलंबित कर दिया गया। गंभीर रूप से घायल राजू को परिजन ने किरावली हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसके दोनों पैरों पर प्लास्टर किया गया। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने मौके पर पहुंचकर मेडिकल-लीगल परीक्षण किया।पीड़ित के परिजन अब तक मुकदमा दर्ज न होने से नाराज हैं। उनका आरोप है कि पुलिसकर्मी अलग-अलग माध्यमों से समझौते का दबाव बना रहे हैं। राजू के चचेरे भाई संजय शर्मा ने बताया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर तैयार कर ली गई है, जिसे जल्द ही पुलिस आयुक्त को सौंपा जाएगा।मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने मामले को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए आयोग से स्वतंत्र जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
थाने का पहला चार्ज और पहले भी रहे सुर्खियों में
युवक की पिटाई के मामले में निलंबित हुए एसओ नीरज कुमार को पहली बार थाना किरावली का चार्ज मिला था। तैनाती के बाद से ही उनकी कार्यशैली को लेकर थाना कई बार विवादों में रहा।सरसा गांव में महिला को बंधक बनाकर लूट के मामले में पहले मुकदमा दर्ज न करने और बाद में लूट की जगह चोरी का केस लिखने पर भी सवाल उठ चुके हैं। निलंबित दारोगा धर्मवीर सिंह पर भी एक माह पहले भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है, जिसकी जांच अभी चल रही है।किरावली थाने का यह ताजा मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।इससे पहले भी जनपद के विभिन्न थाने में उप निरीक्षक का चार्ज संभालते हुए भी चर्चा में रहे थे,एक प्रशिक्षु आई पी एस,थाना प्रभारी ने भी इनके खिलाफ रिपोर्ट भेजी थी।
