स्कीम के ‘भ्रम जाल से कर्ज में उलझ रहे युवा

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

अग्रभारत-
त्योहारी सीजन में कई ऐसे सामान पर आकर्षक छूट मिलते हैं, जिसे खरीदने का आप सपना देखते हैं. जब उन चीजों पर आप बड़ी छूट देखते हैं तो ये सोचकर खरीदने का प्लान बना लेते हैं कि पता नहीं, इतनी बड़ी छूट आगे मिलेगी या नहीं. लेकिन अगली समस्या आती है पैसे की. कई बार आपके पास उसे खरीदने के पैसे होते नहीं हैं, पर आप उसे हर हाल में खरीदना चाहते हैं. बस, इसी बेचैनी के चलते आप एक जाल में फंसते जाते हैं, जिसका नाम है- पहले खरीदो बाद में चुकाओ (BNPL).
लगभग सभी प्रोडक्ट्स पर है यह स्कीम
आज लगभग सभी प्रोडक्ट्स पर ये स्कीम लागू है. अधिकतर प्रोडक्ट्स पर 3 महीने तक No Cost EMI की सुविधा भी मिलती है और इस लालच में आपको अपनी कमाई की लिमिट का पता ही नहीं चल पाता और आप अपना ‘पैर चादर से बाहर फैला देते हैं’. फिर आगे शुरू होता है मुश्किलों का दौर. इस स्कीम के ज्यादातर शिकार युवा वर्ग हैं. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के अनुसार, BNPL स्कीम के चलते युवा वर्ग कर्ज के जाल में उलझते जा रहे हैं.

सिबिल स्कोर भी हो रहा खराब
रिपोर्ट में ये भी बताया है कि इस जाल में फंसने के कारण उनका सिबिल स्कोर भी खराब हो रहा है, जिससे बाद में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. युवा वर्ग आसान शर्तों पर ब्याज मुक्त कर्ज के लालच में आसानी से फंसते जा रहे हैं और आमदनी से ज्यादा खरीददारी कर रहे हैं. फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ने इस संबंध में एक सर्वे किया है, जिसमें ये बात निकलकर सामने आई है कि 40 प्रतिशत BNPL उपभोक्ता कई कंपनियों से कर्ज लेते हैं. इनमें से एक तिहाई उपभोक्ता जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं और चूंकि आमदनी इतनी होती नहीं है, तो कर्ज चुका पाने में असमर्थ हो जाते हैं. ऐसे में उनका सिबिल स्कोर खराब होता चला जाता है.

रिपोर्ट में एक युवती के रेफरेंश के साथ बताया गया है कि वे भी इस स्कीम की शिकार हैं. युवती ने 2 माह के लिए आसान शर्तों पर करीब 4 लाख रुपये का सामान लिया, जिसे 3 किस्तों में चुकाना था. बैलूनिंग बैलेंस कंपनी ने इसमें अप्रत्याशित मेडिकल कॉस्ट जोड़ दिया. इससे यह राशि बढ़ गई. जब वे समय से इसे चुका पाने में असमर्थ हो गईं तो उन्हें वित्तीय सलाहकार ने अकाउंट बंद करने की सलाह दी, तब तक उनका सिबिल स्कोर 720 से 580 हो चुका था.

फेडरल रिजर्व की रिपोर्ट कहती है कि 18 से 29 साल के बीच के 18 प्रतिशत युवा 2021 में अपना कर्ज चुका पाने में असमर्थ रहे. 2021 में इस उम्र के 11 प्रतिशत युवा ऐसे थे, जिन्होंने कम से कम 1 किस्त का भुगतान देरी से किया. 2021 में 5 BNPL कंपनियों ने 18 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जो 2019 की तुलना में 10 गुना ज्यादा है. लोग इसके पीछे छिपे नुकसान का अंदाजा नहीं लगा पाते.

Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *