श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकर्पण की पहली वर्षगांठ आज आयोजित किए गए रंगारंग कार्यक्रम
वाराणसी । श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ने अपने पहले ही साल में चढ़ावे के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंगलवार 13 दिसंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकर्पण की पहली वर्षगांठ है। मंदिर प्रशासन की ओर से इस दौरान विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बीते एक साल में देश-दुनिया से श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए शिवभक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में नकदी सोना चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है मंदिर प्रशासन के अनुसार चढ़ावे का कुल मूल्य 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।
धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की गई है। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन सुविधाओं के उपयोग से प्राप्त हुई है। वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी दान किया है। दान के सोने और तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी एवं आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। 13 दिसम्बर 2021 से लेकर अबतक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपए से अधिक का अर्पण किया गया है जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। इसके साथ ही गत वर्ष की तुलना में यह राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक है।
लोकार्पण के बाद से लेकर अबतक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है। मन्दिर प्रशासन के मुताबिक श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी। माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी।
लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है। पेयजल व्यवस्था छाया की व्यवस्था मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों एवं दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावा लॉकर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।
मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम को नव्य भव्य स्वरूप देने के कारण वाराणसी में पर्यटकों व दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह से परिवहन होटल गेस्टहाउस नाविकों श्रमिकों वस्त्र उद्योग हेंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ़्तार पकड़ रही है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे अब एक महीने में ही इतने पर्यटक बनारस आ रहे हैं।