शहडोल । खुद सोचिए अगर आपके साथ ऐसा सिचुएशन बन जाए रात का वक्त हो घनघोर जंगल हो 4 डिग्री का तापमान हो और सामने कोई मृत व्यक्ति पड़ा हो दूसरा गंभीर रूप से कराह रहा हो और खुद भी तीसरा व्यक्ति घायल हो ऐसे में किस परिस्थिति से वह गुजरेगा जब उसे खुद की भी जान बचानी है दूसरी ओर कराह रहे घायल दोस्त की भी जान बचानी है और घनघोर जंगल में आधी रात में जंगली जानवरों से भी बचना है जी हां कुछ ऐसी ही घटना हुई है शहडोल जिले के जैतपुर थाने के झींकबिजुरी चौकी अंतर्गत मिठौली गांव के पास जहां एक दोस्त की जिंदगी बचाने दूसरा घायल दोस्त किस तरह से रात भर संघर्ष करता है पूरी कहानी जानकर आपका भी दिल भर आएगा।
जिंदगी बचाने दोस्त का संघर्ष
यह घटना रात 11:00 बजे की है जब तीन दोस्त बाइक पर सवार होकर अपने घर के लिए निकलते हैं तभी जैतपुर के झींक बिजुरी चौकी अंतर्गत मितौली गांव के पास ही घनघोर जंगल के बीच आधी रात में सड़क दुर्घटना हो जाती है जिसमें एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो जाती है तो 2 लोग घायल हो जाते हैं जिसमें से एक गंभीर रुप से घायल रहता है।झींकबिजुरी चौकी प्रभारी श्याम सिंह बताते हैं कि मिठौली गांव के पास हुई इस घटना में श्यामलाल पलिहा की मौके पर ही मौत हो जाती है मंगल दीन पांडव गंभीर रुप से घायल हो जाता है और तीसरा बाईक ड्राइवर समय लाल गोंड भी घायल होता है लेकिन थोड़ी कम चोट आती है और फिर दोस्त को तड़पता देख श्याम लाल गोंड किसी कदर वहां से उठता है और अपने घायल दोस्त को भी लेता है और रोड पर आता है और घनघोर जंगल के बीच कड़ाके की ठंड में पूरी रात मदद का इंतजार करते रहता है लेकिन सुनसान रास्ते भी कोई भी उस दौरान नहीं निकलता है और इसी तरह मदद की आस में पूरी रात निकल जाती है और जब श्यामलाल गोंड को लगता है अब उन्हें ही कुछ करना होगा तो तड़प रहे दोस्त की हालत देख कर वो है वो पैदल ही तड़के सुबह गांव की ओर चल पड़ते हैं और घटनास्थल मिठौली से लगभग 10 किलोमीटर दूर अपने गांव गलहथा पहुंचते हैं जहां वो सारी बात मृतक के घर में बताते हैं और फिर लोग मदद के लिए पहुंचते हैं।
घायल अवस्था में पैदल ही पहुंचा गांव
श्यामलाल जो खुद घायल थी लेकिन दोस्त को तड़पता देख उनसे रहा न गया और घायल अवस्था में ही वो पैदल ही गांव सुबह 6:00 बजे पहुंचे जहां से गांव वालों को खबर दी और फिर वही से पुलिस वालों को भी सूचना दी गई और फिर पुलिस वाले भी मौके पर पहुंचे जहां घायल दोस्त को उठाकर अस्पताल ले जाया गया पुलिस के मुताबिक घायल का इलाज अब मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
ये संघर्ष नहीं आसान
गौरतलब है कि एक दोस्त का दूसरे दोस्त को बचाने का यह संघर्ष आसान नहीं था क्योंकि घनघोर जंगल था जहां भालू जैसे खूंखार जानवरों का डर बना रहता है साथ ही एक मृत व्यक्ति भी पड़ा हुआ था दूसरा दोस्त गंभीर अवस्था में मदद की गुहार लगा रहा था और तीसरा दोस्त कुछ कर नहीं पा रहा था क्योंकि वो भी घायल था रात में कोई आ भी नहीं रहा था जिससे मदद हो सके और गांव की भी दूरी बहुत ज्यादा थी ऐसे में दूसरे दोस्त के हौसले की अब हर कोई तारीफ कर रहा है।
झींक बिजुरी चौकी प्रभारी श्याम सिंह के मुताबिक बाइक चला रहे हैं समय लाल को मामूली चोट थी जिसकी वजह से वह गांव तक पहुंचा और लोगों को यह जानकारी दी घटना रात 11:00 बजे की है पर सुबह 6:00 बजे लोग वहां पहुंचकर मदद के लिए आगे आए फिलहाल घायल का इलाज चल रहा है।