सड़क पर मिला 10 रुपये का नोट, आपकों पहुंचा सकता हैं जेल

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

आप सड़क पर पैदल जा रहे हैं, तभी अचानक कुछ रुपये पड़े मिल जाएं, तब आप क्या करेंगे, तुरंत पैसा उठाकर जेब में रख लेंगे। अमूमन ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी यह हरकत आपको जेल पहुंचा सकती है। जी हां भारत में कई कानूनों में से एक कानून ऐसा भी है, जिसके तहत अगर आप 10 रुपये या उससे ज्यादा का नोट सड़क पर पड़े मिलने पर उसे अपने पास रख लेते हैं, तब आपको 1 साल की जेल हो सकती है।

ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के अनुसार, 10 रुपये से अधिक की राशि मिलने पर इसकी जानकारी आपको सरकार को देनी होगी। न देने पर सजा काटनी पड़ सकती है। भारत में कई कानून हमारी संसद में बनाए गए हैं। उनमें से एक है ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 है। इस एक्ट के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को 10 रुपये से अधिक राशि कहीं सड़क या कहीं ओर मिलते हैं, तब आपको इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तब आपको एक साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

See also  कपल की आपत्तिजनक हरकतें, जवान ने रोका तो कपल ने कर दी पिटाई, वीडियो वायरल

अगर आपको सड़क या कहीं किसी जगह 10 रुपये या उससे अधिक मिलते हैं, तब आपको सबसे पहले इसकी जानकारी सरकार को देना होगी। जानकारी देते वक्त संबंधित व्यक्ति को यह बताना होगा कि आपको कितनी राशि मिली है, वह कौन सी जगह थी जहां आपको यह मिला और वह कौन सी तारीख थी जब आपको यह रुपये मिले। यह सब जानकारी देने के बाद आपको करीबी सरकारी खजाने में जाकर राजस्व अधिकारी के पास जाकर इस जमा कराना होगा।

नियम के तहत अगर खजाने के रूप में कोई भी चीज नजदीकी राहत कोष में व्यक्ति जमा कराता है, तब वहां मौजूद कलेक्टर के भी कुछ दायित्व होते हैं। खजाना राहतकोष में जमा होने के बाद सेक्शन 4 के तहत कलेक्टर एक नोटिफिकेशन जारी करेगा। इस नोटिफिकेशन के तहत लोगों को बताया जाता है कि अगर जमा किया गया खजाना किसी संबंधित व्यक्ति का है, तब वहां उस आकर ले जा सकता है। वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि समय अवधि नोटिफिकेशन के पब्लिश होने के 4 महीने पहले या 6 महीने के बाद नहीं होना चाहिए।

See also  अकेला पन दूर करने के लिए 103 साल के हबीब ने 49 की फिरोज जहां से किया निकाह

सेक्शन 5 के तहत नियम कहता है कि अगर नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अगर आप संबंधित खजाना चाहे वह जिस रूप में हो को लेने नहीं जाते हैं तो, आपको उस संबंधित खजाने का अधिकारी नहीं माना जाएगा। सेक्शन 5 के तहत अधिकारी के पास खजाने को लेकर जांच भी कर सकता है। इसके अनुसार, कलेक्टर खजाने से संबधित सवाल भी कर सकता है। जैसे किस व्यक्ति ने, किस जगह और किन परिस्थितियों में यह खजाना मिला है।

इसके अलावा कलेक्टर यह भी पूछ सकता है कि किस व्यक्ति की ओर से और किन परिस्थितियों में संबंधित खजाने को छुपाया गया था।

See also  हाथियों से तीन गुना ज्यादा विशाल हाथियों का शिकार करते थे मानव

खजाने के रूप में मिली चीज का अगर मालिक नहीं मिलता है, तब क्या होगा। ट्रेजर ट्रोव नियम के तहत इसकी भी व्यवस्था की गई है। संबंधित खजाने का मालिक न मिलने की सूरत में जिस व्यक्ति को यह मिला वही इसका असली मालिक घोषित कर दिया जाता है। वहीं पाए गए 10 रुपये के नोट या खजाने के रूप में कोई भी चीज के मालिक एक से ज्यादा हैं और उसे खोजने वाले व्यक्ति को इससे आपत्ति है, तब इसतरह के केस में कलेक्टर के पास यह हक है कि वह उस खजाने को अपने पास रख मामले को सिविल कोर्ट में लेकर जा सकता है। जहां खजाने के असली मालिक पर अदालत फैसला सुनाएगी।

See also  म‎हिला ने अपने पैर की तस्वीरें बेचकर 2 साल में कमाए एक करोड़, लॉकडाउन का उठाया फायदा
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment