मथुरा। कान्हा की नगरी श्री धाम वृंदावन में शनिवार को शिवरात्रि का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। वृंदावन में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर गोपीनाथ बाजार स्थित मौजूद है। इस मंदिर में हर वर्ष दूर-दूर से श्रद्धालु शिवरात्रि के मौके पर कांवर लेकर पहुंचते हैं। वहीं इस द्वापरयुगीन प्राचीन गोपेश्वर महादेव मंदिर राधाकृष्ण की अलौकिक लीलाओं की अनवरत श्रंखला का एक ऐसा महत्वपूर्ण स्थल है। जिसके दर्शनों की लालसा हर भक्त में रहती है।
स्वयं देवाधिदेव महादेव भी इस अलौकिक लीला के दर्शनों का मोह नही छोड़ पाये थे। जिनके फलस्वरूप उन्हें सोलह श्रंगार धारण कर गोपी वेश में प्रकट होना पड़ा था। श्रीमद्भागवत की कथानुसार शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में जब रासेश्वर कृष्ण असंख्य गोपियों के साथ महारास रचा रहे थे। तब भोलेनाथ ने रास दर्शन की इच्छा जाहिर की। तब गोपियों ने कहा कि बिना गोपी वेश धारण करे उन्हें यह दर्शन सुलभ नही होंगे।
महाकाल ने नाथादि समेत सोलह श्रृंगार धारण कर महारास लीला में प्रवेश किया। इस पर श्री कृष्ण ने उन्हें गोपेश्वर नाम से सम्बोधित किया था। द्वापरयुगीन इस स्थान पर करीब साढ़े पांच हजार वर्ष पूर्व श्री कृष्ण के प्रपौत्र ब्रजनाथ जी ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। कालांतर में मंदिर का निर्माण दानदाताओं के सहयोग से होता रहा है।