उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों से जुड़ी बड़ी खबर

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
  • निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण की खामियां दूर करने का काम हुआ शुरू
  • निकाय चुनाव में 20 से 27% आरक्षण की सिफारिश
  • OBC आयोग की रिपोर्ट के बाद सरकार एक्शन मोड में
  • कई सीटों के आरक्षण में हो सकता है बदलाव
  • इस रिपोर्ट के लागू होने के बाद लखनऊ समेत लगभग 15 जिलों में सीटों का आरक्षण जायेगा बदल
  • अध्यक्ष, मेयर, पार्षद के सीटों के आरक्षण में होगा बदलाव

सरकार ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। अब कोर्ट इस प्रकरण पर सुनवाई कर फैसला देगा, जिसके आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक ही निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय की जाएगी।

See also  मैनपुरी की सीट पर किसे बनाए चेहरा, इसकी रणनीति में जुटे अखिलेश

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों की जारी सूची पर विवाद होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग का आयोग गठन करके निकाय चुनाव में पिछड़ों को दिए गए आरक्षण का परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आयोग को 31 मार्च तक रिपोर्ट तैयार करने की समयसीमा तय की थी। इसी कड़ी में गठित आयोग ने तय समयसीमा से करीब 22 दिन पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।

सरकार ने भी आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी देने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और न्याय विभाग के अधिकारी सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अधिवक्ता के जरिए आयोग की रिपोर्ट दाखिल कर कोर्ट से इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी की प्रक्रिया तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने और चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।

See also   Etah News: जिला प्रशासन ने घूसखोर लेखपाल को किया निलंबित

महापौर व अध्यक्ष की सीटों में हो सकता है आंशिक संशोधन

आयोग की रिपोर्ट में दिए सुझावों के आधार पर माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद महापौर व अध्यक्ष की सीटों के लिए पूर्व जारी आरक्षण में आंशिक संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए अधिनियम में भी संशोधन करने पर मंथन किया जा रहा है।

तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे

शासन में निकाय चुनाव की तैयारी से जुड़े एक उच्चपदस्थ सूत्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद भी तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे। ऐसे में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव दिया।

See also  मैनपुरी : आवारा सांड़ के हमले से बुजुर्ग घायल, इलाज के दौरान मौत
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement