नई दिल्ली। इंटरपोल ने भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ 2 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में रेड नोटिस हटा दिया है। मेहुल चोकसी को दिसंबर 2018 में रेड नोटिस में जोड़ा गया था।
मेहुल चोकसी ने हाल ही में भारत सरकार को पार्टी बनाते हुए एंटीगुआ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा कर लिया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिका ले गए। रेड कॉर्नर नोटिस के हटने का मतलब है कि चोकसी अब दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।
अपने आदेश में इंटरपोल ने कहा कि इस बात की विश्वसनीय संभावना है कि आवेदक का एंटीगुआ से डोमिनिका में अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था। इंटरपोल ने कहा कि मेहुल चोकसी को वापस लौटने पर निष्पक्ष परीक्षण या उपचार प्राप्त नहीं करने के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
इंटरपोल के एक्शन से परिचित लोगों ने कहा कि चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा से अपने कथित अपहरण का हवाला देते हुए अपने रेड नोटिस की समीक्षा के लिए पिछले साल वैश्विक निकाय से संपर्क किया था। हमने (भारत) इंटरपोल में उनके आरोपों का जोरदार विरोध किया और कहा कि अगर उनका रेड नोटिस हटा दिया जाता है, तो वह एंटीगुआ से भाग सकते हैं। इंटरपोल रेड नोटिस हटाने से हमारी जांच या एंटीगुआ में हमारे प्रत्यर्पण अनुरोध पर कोई असर नहीं पड़ता है।
14500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी चोकसी जनवरी 2018 में विदेश भाग गया था। बाद में पता चला कि वह 2017 में ही एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ले चुका था। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसिया चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। मेहुल चोकसी खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी पर आने से इनकार कर चुका है। कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होती है। भारत में उसकी कई संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं।