कोरोना से बचाव केवल अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर किया जा सकता है- डॉ के० एस० कौशल

Sumit Garg
5 Min Read

– यह कार्य करती है होम्योपैथिक औषधियां

– इम्यूनिटी जो कि स्वास्थ का आधार एवं रोग का कारण भी है

– शक्तिशाली एंटी वायोटिक एवं स्टेरॉयड के प्रभाव से ध्वस्त हो जाती है

 

आगरा।होम्योपैथिक चिकित्सक और विभिन्न अवार्ड्स से सम्मानित डॉ. के. एस. कौशल ने कोरोना की उत्पत्ति उसके बचाव एवं इलाज के लिए अपने किये गये होम्योपैथिक शोधों के बारे में जानकारी दी।

इस संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ के०एस कौशल ने बताया कि कोरोना का विश्व में आज भी कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है। पी.एम.ओ. के आदेश पर केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद दिल्ली के महानिदेशक द्वारा उनको शोधों के प्रस्तुतीकरण हेतु बुलाया गया । जिसमें उन्होंने शोध कार्यों का महानिदेशक सीसीआरएच एवं शोध अधिकारी के समस्त प्रस्तुतीकरण आदि के अनुभव साझा किये।

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में एक हज़ार रोगियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वर्ष 2020-21 में शुद्ध होम्योपैथिक औषधियाँ दी एवं दो वर्ष तक फौलोअप किया। सुखद अनुभव यह रहा कि उनमें से एक भी व्यक्ति न कोरोना से संक्रमित हुआ, नाही मृत्यु हुई, नाही ब्लैक फंगस का शिकार हुआ।

See also  Sour weed : कई रोगों के उपचार में उपयोगी है उटंगन के तटीय क्षेत्र में उगने वाली तिनपतिया

उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी डेल्टा लहर जो सबसे अधिक घातक थी. में लगभग 25 कौराना रोगियो जिनको आरटीपीसीआर टेस्ट पॉज़िटिव था । उनके द्वारा ऐसे मरीजों का शुद्ध होम्योपैथी से उपचार किया ये सभी बच गये एवं पूर्ण स्वस्थ हो गये।
डॉ. कौशल ने दावा किया कि उन्होंने एक हज़ार लोगों जिनको कौरोना से बचाव के लिए दवा दी गई थी। नाम, पता, टेलीफोन नं. सहित एवं डेल्टा लहर में 25 उपचरित रोगियों की नाम, पता, टेलीफोन नं. सहित लिस्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी । पी०एम०ओ से इन चमत्कारिक परिणामी को संज्ञान में लेते हुए इस होम्योपैथिक शोध के परिणाम का प्रयोग हिन्दुस्तान एवं विश्व में जनहित एवं स्वास्थहित में सपयोग करने का अनुरोध किया था। जिसके आधार पर पी.एम.ओ. द्वारा होम्योपैथी की अनुसंधान की सर्वोच्च संस्था केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद को आदेशित किया था।
डॉ कौशल ने बताया कि उन्होंने पी.एम.ओ. से होम्योपैथिक अनुसंधान केन्द्र खोलने के लिए भी प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था। कौरोना अभी गया नहीं हो न कभी जायेगा। अभी न जाने कितनी लहरे आयेंगी। इसी कारण विश्व के अलग-अलग हिस्सों में इसका विस्फोट होता रहता है। आज भी दिल्ली में हजारों रोगी इससे संक्रमित हो रहे है। विभिन्न समाचार चैनलों में आप देख सकते है। इससे बचाव केवल अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर किया जा सकता है। जो कार्य होम्योपैथिक औषधियां करती है।

See also  नाबालिक भाई बहन का अपहरण, बच्चों को ढूंढते मां लापता, सदमे से दादी का निधन

डॉ. कौशल ने चिकित्सा विज्ञान के उद्भव एवं इसमें होम्योपैथिक चिकित्सा विज्ञान के स्थान पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालते हुए बताया दुर्भाग्य है अब तक जनता जनार्दन को चिकित्सा में होम्योपैथिक के महत्व की पूरी जानकारी नहीं है। अतः वे आखिरी विकल्प के रूप में इसका प्रयोग करते हैं। जब तक रोगी की इम्यूनिटी जो कि स्वास्थ का आधार एवं रोग का कारण भी है शक्तिशाली एंटी वायोटिक एवं स्टेरॉयड के प्रभाव से ध्वस्त हो जाती है। जिसमे कि होम्योपैथिक चिकित्सक का आधे से अधिक समय इम्यूनिटी को मूलरूप से लाने में कम हो जाता है। जिसके लिए अधिक समय लेने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा को बदनाम किया जाता है।

See also  अवैध शराब बिक्री के वायरल वीडियो का पुलिस ने नहीं लिया था संज्ञान #AgraNews

————————————————

असाध्य जटिल रोगों को होम्योपैथी चिकित्सा द्वारा मिली सफलता

इस अवसर पर अल्सरेटिव कोलाइटिस एवं मैटलडिप्रेशन के दो टिपीकल केसों को जो एम्स सहित कई बड़े डॉक्टरों को दिखा चुके थे। शुद्ध होम्योपैथी से उनका सफलता पूर्वक निदान किया गया। ऐसे दो मरीज़ो प्रेस वार्ता में प्रस्तुत किया गया। इन मरीजों ने होम्योपैथिक के इलाज से अपनी बीमारियों से मिली निज़ात की बात बताई ।

डॉ. के. एस. कौशल अपने होम्योपैथिक रिसर्च सेन्टर पर गत वर्षों से कोरोना महामारी एवं अन्य ऐसे रोगों पर जिनमें एलोपैथिक दवायें कारगर नहीं है के शोधों में व्यस्त है। कई ऐसे केस जो एम्स, सरगंगाराम, मेदान्ता, संजय गांधी मेमोरियल पी.जी. इंस्टीट्यूट लखनऊ से लौटे हुए थे। उनको निदान में कामयाबी मिलने के बाद ऐसे असाध्य जटिल कठिन क्रोनिक रोगों में होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान से उनका सफलता पूर्वक इलाज कर चुके हैं।

See also  बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने को किया सम्मानित
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *