वन नेशन वन इलेक्शन हवा हवाई : संविधान में 5 संशोधन करना होंगे

Dharmender Singh Malik
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आधी विधानसभाओं से पारित कराने होंगे प्रस्ताव

नई दिल्ली। एक राष्ट्र एक चुनाव का मुद्दा देश में चर्चा का विषय बन गया है। माना जा रहा है, कि संसद के विशेष सत्र में सरकार इससे संबंधित विधेयक पेश कर सकती है। यह आसान नहीं है। संविधान में कम से कम पांच संशोधन करने की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित कमेटी एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए बनाई है जो अपनी रिपोर्ट देगी।

सवाल उठता है, कि क्या वन नेशन, वन इलेक्शन वर्तमान में संभव है। इसे लागू करने के लिए संविधान में 5 संशोधन करना होंगे। विधि विशेषज्ञों के अनुसार अगर एक साथ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कराया जाता है। तो संविधान में पांच संशोधनों की जरूरत होगी। राज्य की विधानसभाओं से प्रस्ताव मांगने होंगे। लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान में संशोधन करना होगा। इसके साथ ही हजारों करोड़ रुपये ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों पर खर्च होंगे। यह इंतजाम होने के बाद ही वन नेशन और वन इलेक्शन की बात की जा सकती है।

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एक साथ चुनाव कराने से क्या होगा?

अधिकारियों ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से सरकार को आर्थिक बचत होगी। जनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव खर्च में बचत होगी। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लंबे समय तक लागू रहती है। उससे निजात मिलेगी।

संविधान के अनुच्छेदों में संशोधन अनुच्छेद 83 सांसद और विधानसभा के कार्यकाल, अनुच्छेद 85 राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को भंग करने से संबंधित अनुच्छेद 172 राज्य विधान मंडलों की अवधि, अनुच्छेद 174 राज्य विधानसभाओं के विघटन, अनुच्छेद 356 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने के अधिकार से संबंधित है इसमें संशोधन करना आवश्यक होगा। राजनीतिक दलों और राज्य की विधानसभाओं की सहमति जरूरी होगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार को सभी राज्य सरकारों की सहमति लेना जरूरी है। वन-नेशन वन-इलेक्शन के पक्ष में 50 फीसदी से ज्यादा राज्य सरकारों की सहमति मिलने पर ही संशोधन संभव होंगे।

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दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन में एक साथ होते हैं चुनाव

संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 79 वीं रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते हैं। इनका कार्यकाल पांच साल के लिए होता है। नगरपालिका चुनाव हर दो साल में होते हैं। स्वीडन में राष्ट्रीय एवं प्रांतीय विधायिका/काउंटी परिषद और स्थानीय निकायों/नगरपालिका विधानसभाओं के चुनाव हर चार साल मंभ सितंबर के दूसरे रविवार को होता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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