भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था। इस नोट को 30 सितंबर 2023 तक वैध रखा गया था।
30 सितंबर 2023 को 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया है। अब यह नोट किसी भी तरह से वैध नहीं है। जिन लोगों के पास 2000 रुपये के नोट हैं, उन्हें 30 सितंबर 2023 तक बैंकों में जमा कराने या दूसरे मूल्यवर्ग के नोटों में बदलवाने का समय दिया गया था।
30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के करीब 93 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ चुके थे। अब 2,000 रुपये के सिर्फ 24,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही चलन में मौजूद हैं।
2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के पीछे के कारण
RBI ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नकली नोटों की समस्या को कम करना: 2000 रुपये के नोट नकली नोटों के लिए एक आकर्षक लक्ष्य बन गए थे। 2000 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ने से नकली नोटों की समस्या बढ़ने की आशंका थी।
- नकदी का कम उपयोग को बढ़ावा देना: RBI का मानना है कि नकदी का कम उपयोग अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है। 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने से लोगों को नकदी का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- आर्थिक अपराधों को रोकना: RBI का मानना है कि 2000 रुपये के नोट का उपयोग कुछ आर्थिक अपराधों, जैसे कि आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग, में किया जा रहा था। 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने से इन आर्थिक अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।
2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद का प्रभाव
2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद से, नकदी का उपयोग कम होने की संभावना है। इससे अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, नकली नोटों की समस्या को कम करने में भी मदद मिल सकती है।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करना एक गलत फैसला है। उनका मानना है कि यह फैसला आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।