अग्रभारत,
आगरा । शहर में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालकों का निरंतर लोडफेक्टर के नाम पर शोषण उनके चीफ ऑपरेटर अभय सिंह द्वारा किया जा रहा है। शोषण के कारण तनाव से गुजर रहे परिचालकों ने आज फाउंड्री नगर में बने इलेक्ट्रिक बसों के डिपो पर सुबह 5 बजे हड़ताल कर दी और डिपो से 7:30 बजे तक एक भी बस नहीं निकली जिस कारण सुबह स्कूल और काम पर जाने वाले लोगो को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोई स्कूल जाने से रह गया तो कोई अपने काम पर देरी से पहुँचा।
इलेक्ट्रिक बसों के परिचालकों ने चीफ ऑपरेटर पर आरोप लगाया कि लोडफेक्टर के नाम पर 91 परिचालकों को ड्यूटी करने से रोक दिया गया है और वेतन के नाम पर चार महीनों की जगह एक महीने की तनख्वाह दी गई है ऐसे में उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। चीफ ऑपरेटर की मनमानी के चलते और लोडफेक्टर के नाम पर 91 परिचालकों को नौकरी से निकाल कर नई भर्ती करना चाहते हैं ऐसे में वह सभी परिचालक और उनके परिवारों का क्या होगा।
हड़ताल की सूचना पर मौके पर आगरा एसडीएम और परिचालकों की भर्ती करने वाली कंपनी के लोगो द्वारा मौके पर पहुँच कर हड़ताल कर रहे परिचालकों को समझाया गया और 10 दिनों के अंदर समस्या का हल निकालने के आश्वाशन के बाद बसों को डिपो से रवाना किया गया।
“क्या है लोडफेक्टर”
जब एक ही रुट पर कई बसों का संचालन होगा तो किसी बस मे सवारी ज्यादा होंगी तो किसी मे कम। सवारियों के हिसाब से ही टिकट काटी जाएंगी। जिस बस में ज्यादा सवारी रहेंगी उनकी ज्यादा टिकट कटेगी और जिसमे कम सवारियां रहेंगी उसमें कम टिकट कटेगी। इस अंतर को एक समान करने का दबाव लगातार चीफ ऑपरेटर अभय सिंह द्वारा किया जा रहा है। जबकि आगरा एसडीएम का सख्त आदेश है कि इलेक्ट्रिक बसों को तय समय पर रवाना किया जाए। इस स्थिति में अगर सवारी कम चढ़े बसों में तो कैसे टिकट और उनके पैसे पूरे करके दे पाएंगे।