आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एसटीएफ ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अर्जुन है। दूसरा शिकोहाबाद की जेएस यूनिवर्सिटी का टेक्निकल बाबू मोहित है। तीसरा सदस्य गिरोह का सरगना नेकराम ताजगंज का रहने वाला है और चौथा सदस्य पंकज मधुनगर का रहने वाला है।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आगरा में फर्जी मार्कशीट बनाने का काम हो रहा है। पूरा गिरोह है जो ठेका लेता है और काम कराता है। सूचना के आधार पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और चारों को थाना ताजगंज क्षेत्र के देवरी रोड स्थित रचना पैलेस से गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने चारों के पास से डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय सहित 250 से अधिक विभिन्न विश्वविद्यालयों की मार्कशीट्स, यूपी समेत अन्य प्रदेशों के सीबीएसई की मार्कशीट और मुहरें बरामद की हैं। चारों विश्वविद्यालयों की मार्कशीट बनाने के अलावा हाईस्कूल, इण्टर, सीबीएसई की फर्जी मार्कशीट भी तैयार करते थे। चारों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे फर्जी मार्कशीट के लिए हजारों रुपये वसूलते थे।
चारों की निशानदेही पर प्रिंटर, कंप्यूटर, मुहरें, खाली मार्कशीट आदि भी एसटीएफ ने जब्त कर ली हैं। इनमें अन्य राज्यों की यूनिवर्सिटी की भी मार्कशीट हैं।
आरोपियों ने बताया कि वे ठेका लेते थे। विश्वविद्यालय और कोर्स के आधार पर पैसे लिए जाते थे। नेकराम और पंकज शिकार लाते थे। अर्जुन डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी बाबू है और मोहित जेएस यूनिवर्सिटी में टेक्निकल बाबू है, इसलिए इन्हें विश्वविद्यालयों में काम करने का तरीका आता था। यह फर्जी मार्कशीट तैयार करके देते थे, जो बिल्कुल असली लगती थी। अर्जुन आंबेडकर विश्वविद्यालय में ही दूसरी मार्कशीट के ढेर में अपनी मार्कशीट पर भी मुहर लगवा कर साइन करवा लेता था।
विश्वविद्यालय में चर्चा है कि इससे पहले एमपी पुलिस ने एक छात्र नेता और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को उठाया था। छात्र नेता पर आरोप था कि उसके पास विश्वविद्यालय की खाली मार्कशीट हैं। एमपी पुलिस ने पूछताछ के बाद छात्र नेता को छोड़ दिया।
एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह पिछले कई सालों से फर्जी मार्कशीट बनाने का काम कर रहा था। गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।