थानाध्यक्ष जसरथपुर पर हत्या के मामले में रिश्वत लेने के लगाए आरोप, ये है पूरा मामला

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पवन चतुर्वेदी

एटा । जनपद एटा के थाना कोतवाली जसरथपुर के थानाध्यक्ष जे०पी० अशोक पर मुकदमे के वादी ने रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं ।

मुकदमे के वादी खुर्शीद ने बताया कि उसके पिता कैसर खां को उसके चाचा इस्तकार व फूफा फारुख खान व पप्पू खान ने जमीन पर लालच के चलते नशे के इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर नशे में रखकर फर्जी बैनामे करा लिए। इसी क्रम में इंजेक्शनों के दौर के चलते लगातार नशे के इंजेक्शन लगाकर वादी के पिता का कत्ल उपरोक्त आरोपियों ने कर दिया ।

न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एटा की न्यायालय में वादी खुर्शीद ने अधिवक्ता प्रशांत पुंढीर के माध्यम से वाद दायर किया। जिस पर मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेते हुए थाना कोतवाली जसरथपुर को रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए ।

न्यायालय के आदेश के अनुसार धारा 302, 420, 120 बी आईपीसी के अंतर्गत थाना कोतवाली जसरथपुर में मुकदमा अपराध संख्या 164/2023 पंजीकृत हो गया और इसकी विवेचना थानाध्यक्ष जे०पी० अशोक के द्वारा की जाने लगी ।

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शिकायतकर्ता खुर्शीद ने बताया की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद थानाध्यक्ष ने वादी व उसके गवाहों के, मुकदमे के संबंध में कोई बयान दर्ज नहीं किए। इसी क्रम में दिनांक 7 जनवरी 2024 को समय लगभग 2:00 बजे वादी अपनी पत्नी मरजीना के साथ साक्ष्य देने थाना जसरथपुर गया तो वहां मौजूद सिपाहियों ने वादी व उसकी पत्नी को थानाध्यक्ष जे०पी०अशोक के दफ्तर के बाहर बैठकर इंतजार करने को कहा। वादी व उसकी पत्नी बैठकर इंतजार कर रहे थे तभी थानाध्यक्ष जे०पी० अशोक ने मोबाइल से मुकदमे के हत्यारोपी इस्तकार से मोबाइल हैंड फ्री कर बात करने लगे। कि मैंने मुकदमे में एफआर लगाने के तुझे ₹500000 मांगे थे पर तूने ढाई लाख रुपए ही पहुंच हैं बाकी के ढाई लाख रुपये तू कब पहुंचाएगा। इस पर हत्यारोपी इस्तकार जल्द ही पैसा पहुंचाने की बात कही तथा कुछ और भी बात करने की चेष्टा की परंतु साफ आवाज थानाध्यक्ष के फोन पर नहीं आई।

थानाध्यक्ष ने इस्तकार से कहा कि रुको मैं अपने पर्सनल नंबर से फोन लगाऊंगा और थाना अध्यक्ष ने पुनः अपने दूसरे फोन से इस्तकार को फोन लगाया तथा बताया कि उन्होंने विरोधी पक्ष के काफी लोगों के फर्जी बयान दर्ज कर लिए हैं तब इस्तकार ने पूछा कि लाश के पहने हुए कपड़ों की क्या सफाई दे रहे हो , तो थानाध्यक्ष जे०पी० अशोक ने इस्तकार से कहा कि तुम उसकी चिंता मत करो , मेरे ऊपर छोड़ दो और बाकी के ढाई लाख रुपये जल्दी ही पहुंचाओ तथा फोन काट दिया ।

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सारी बातचीत सुन वादी ने थानाध्यक्ष से कहा कि ऐसा गलत काम क्यों करते हो तो थानाध्यक्ष ने अपने दफ्तर में वादी को वादी की पत्नी के सामने ही तीन-चार थप्पड़ मारे और कहा कि अगर किसी को यह बात बताई तो नशीला पाउडर लगाकर जेल में डलवा दूंगा तथा वादी व उसकी पत्नी को थाने से भगा दिया ।

वादी खुर्शीद के अनुसार उसे अब थानाध्यक्ष जसरथपुर से न्याय की कोई उम्मीद नहीं बची है और इसी क्रम में दिनांक 10/01/2024 को वादी ने मुकदमे की विवेचना थाना दशरथपुर से किसी अन्य थाने को स्थानांतरित करने की गुहार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा से लगाई है ।
जब इस प्रकरण में थाना अध्यक्ष जे पी अशोक से बात की तो उन्होंने बताया कि आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत व झूठे हैं , जनसुनवाई के दिन वादी थाना हाजा पर आया था और कई लोग उसके साथ में थे उसकी पत्नी उसके साथ नहीं थी। इस पूरे प्रकरण में संपत्ति का मामला है शीघ्र ही पूरी घटना की जांच कर इसका खुलासा करेंगे ।

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बड़ा सवाल – थानाध्यक्ष पर लगाए हुए आरोप बेहद गंभीर हैं लेकिन बिना साक्ष्यों के किसी को दोषी नहीं माना जा सकता है , यदि मोबाइलों की सघनता से जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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