कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न: पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वाले नेता

कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न: पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वाले नेता

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा जाएगा। वे बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे।

इस सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति

केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पिछड़े वर्गों के नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है। इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें यह सम्मान देने का एलान किया है। कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के गोरखपुर गांव में हुआ था। वे बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे। पहली बार वे 1968 से 1970 तक और दूसरी बार 1977 से 1979 तक मुख्यमंत्री रहे।

कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में पिछड़े वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने 1978 में पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की और 1979 में पिछड़ा वर्गों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया।

See also  पाकिस्तान से तनाव के बीच PM मोदी का रूस दौरा रद्द, विक्ट्री डे परेड में नहीं होंगे शामिल

कर्पूरी ठाकुर को उनके सामाजिक न्याय के कार्यों के लिए भारत के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था।

कर्पूरी ठाकुर के सम्मान पर बिहार के लोगों में खुशी की लहर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सम्मान बिहार के लोगों के लिए गर्व का विषय है।

पीएम मोदी ने कही यह बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान है, बल्कि हमें अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।

See also  UGC NET 2025: June Session Application Window Closes May 8th, Exam Set for June 21-30; City Slips & Admit Cards Coming Soon

10 साल में छठी हस्ती, जिसे मिलेगा सम्मान

मोदी सरकार के करीब 10 साल के कार्यकाल में अब तक पांच हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान दिया जा चुका है। अब कर्पूरी ठाकुर यह सम्मान पाने वाले छठे व्यक्ति होंगे। दिवंगत प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख से पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2015 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को यह सर्वोच्च सम्मान दिया गया था। इसके चार साल बाद बीते लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद तीन हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की गई थी।

See also  टिफिन बम के साथ महिला नक्सली गिरफ्तार: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement