बिचपुरी में सदरवन नाले पर दूसरे दिन भी गरजा महाबली
आगरा। जनपद के बिचपुरी क्षेत्र अंतर्गत गांव बिचपुरी में सदरवन नाले पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे की शिकायत का संज्ञान लेकर सिंचाई विभाग का महाबली लगातार दूसरे दिन भी गरजा।
आपको बता दें, कि डेढ़ दशक पहले तक किसानों को सिंचाई हेतु पानी मुहैया कराने वाला सदरवन नाला आज भूमाफियाओं के चंगुल में फंसकर अपना अस्तित्व खो चुका है। आपके लोकप्रिय, समाचारपत्र अग्र भारत, द्वारा जनहित में इस विषय को लगातार प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के उपरांत विभागीय अधिकारियों की निद्रा टूटी। अधिशासी अधिकारी करनपाल सिंह ने मोर्चा सभालते हुए बीते सोमवार को अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मौके पर पहुंच कर टीम को नाले पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए निर्देशित किया गया। इधर टीम द्वारा हटवाए गए अवैध अतिक्रमण को बेखौफ भूमाफियाओं द्वारा टीम के जाते ही पुनः स्थापित कर लिया गया। बताया जाता है कि अधिशासी अधिकारी के संज्ञान में उक्त प्रकरण पहुंचा तो उन्होंने कड़े तेवर अपना लिया। इसी कड़ी में मंगलवार को अधिशासी अधिकारी की अगुवाई में भारी भरकम लाव लश्कर के साथ टीम मौके पर पहुंच गई। बिचपुरी रेलवे फाटक से शुरू होकर नाले की जमीन पर जहां भी अतिक्रमण मिला, महाबली द्वारा उसे ध्वस्त करवा दिया गया।
दबंग भूमाफिया को कार्यवाह जिलेदार के संरक्षण ने दिलाया अभयदान
आगरा सिंचाई विभाग द्वारा सदरवन नाले पर किए गए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बीच एक दबंग भूमाफिया मार्केट संचालक को कार्यवाहक जिलेदार द्वारा कथित रूप से संरक्षण दिए जाने का आरोप लगा है।
मार्केट संचालक ने सुनारी तिराहे पर विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण किया है। 28 फुट की चौड़ाई रखने वाला नाला अपना अस्तित्व खो चुका है। आरोप है कि कार्यवाहक जिलेदार की कथित दोस्ती का लाभ उठाते हुए मार्केट निर्माण में हुए सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई को रोक दिया।कार्रवाई का दायरा अन्य स्थानों तक सीमित रखा गया, जबकि मार्केट का अवैध हिस्सा अछूता रहा।
यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि भूमाफिया को एक जनप्रतिनिधि का भी संरक्षण प्राप्त है।