आगरा। हाल ही में सिंचाई विभाग के कर्मचारी के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई से विभाग में काफी दिनों से सुलग रही चिंगारी अब शोला बनने लगी है। उच्चाधिकारी की कार्यशैली से आजिज चल रहे कर्मचारियों ने मंगलवार को धरने का रास्ता अख्तियार कर लिया था।
बताया जाता है कि सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर सिंचाई संघ का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, नलकूप चालक संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, एक्सरे टेक्नीशियन एसोसिएशन, नगर निगम कर्मचारी संघ, मिनिस्ट्रीयल संघ एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया। धरने के दौरान ही कथित रूप से उच्चाधिकारियों द्वारा विद्युत आपूर्ति बाधित करवाए जाने का आरोप सिंचाई संघ ने लगाया। संयुक्त कर्मचारी परिषद के मंत्री अजय शर्मा ने धरने के दौरान कहा कि हमारे धरने को दबाने के लिए पुलिस भी बुलवाई गई, इसके बावजूद कर्मचारियों ने हिम्मत नहीं हारी। सहायक अभियंता प्रथम पंकज अग्रवाल ने विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया गया है। विभागीय जमीनों पर उनके द्वारा जमकर अवैध कब्जे कराए गए हैं। बेशकीमती जमीनों को खुर्द बुर्द कर दिया गया है। अपने कारनामों को छिपाने के लिए बीते दिनों विभागीय कर्मचारी विपिन कुमार को निलंबित कर दिया, जो कि पूरी तरह गलत है। धरने पर मौजूद सभी ने एकस्वर में कहा कि निर्णायक कार्रवाई नहीं होने तक धरना अनवरत रूप से जारी रहेगा। हमारी मुख्य मांग सहायक अभियंता प्रथम पर कार्रवाई और विपिन कुमार की निलंबन वापिसी है। मांगें पूरी नहीं होने पर धरने को व्यापक रूप दिया जाएगा। पंकज अग्रवाल के खिलाफ विगत में हुई भ्रष्टाचार की शिकायतों को विभागीय अधिकारियों ने ही दबा दिया, जिसके कारण आज विभाग का माहौल खराब हो रहा है।