जैथरा स्वास्थ्य केंद्र में अनुशासन तार-तार

Sumit Garg
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पवन चतुर्वेदी एटा- 

सदैव चर्चाओं में रहने वाले जैथरा स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ० राहुल चतुर्वेदी का विवादों से चोली दामन का साथ जान पड़ता है। कभी लड़ाई झगड़ा ,तो कभी (लेटलतीफी) , कभी घायलों के उपचार में देरी , तो कभी कोई अन्य कारण या यूं कहें कि डॉ० साहब प्रासंगिकता (अटेंशन) प्राप्त करने के लिए कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे वह निरंतर चर्चाओं में बने रहें ।

वर्तमान समय में जैथरा स्वास्थ्य केंद्र का एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें चिकित्सक की कुर्सी पर एक अन्य व्यक्ति बैठा दिखाई दे रहा है जो ना तो कोई सरकारी डॉक्टर है और ना कोई अधिकारी फिर भी पूरे रूआब और दलबल के साथ चिकित्सक की कुर्सी पर बैठा हुआ है।

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जब हमने जैथरा स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ० राहुल चतुर्वेदी से उक्त व्यक्ति के विषय में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह एक समाजसेवी है , लेकिन किसी के समाजसेवी होने से उसे चिकित्सक की कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिल जाता है ? क्या एक सरकारी चिकित्सक की कुर्सी की गरिमा कुछ नहीं है ? किस अधिकार से वह व्यक्ति चिकित्सक की कुर्सी पर बैठा है ? सवाल तो अनेक है जिनका सटीक जवाब डॉक्टर साहब के पास भी नहीं है।

सूत्रों की मानें तो डॉक्टर साहब चाहे कितनी भी अनुशासनहीनता करें या कुछ भी करते रहें लेकिन उनका कभी कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि उनकी सीधी पकड़ विभाग के जिले के टॉप अधिकारियों तक है , जिसके कारण डॉक्टर साहब की कुर्सी पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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