नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उन पर धोखाधड़ी और सेवा में चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और विकलांगता कोटा के लाभों का अनुचित तरीके से उपयोग करने के आरोप थे, लेकिन उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया था।
केंद्र सरकार ने 6 सितंबर के आदेश के तहत आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत खेडकर को सेवा से बर्खास्त कर दिया। अधिसूचना के अनुसार, खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के आवेदन पत्रों में गलत जानकारी प्रस्तुत की थी, जिसमें उन्होंने ओबीसी और पीडब्ल्यूडी श्रेणियों में अधिकतम अनुमेय नौ प्रयासों की संख्या से अधिक प्रयास किए थे।
अधिसूचना में बताया गया है कि सुश्री खेडकर ने 2012 से 2020 के बीच सीएसई के लिए प्रयास किए थे, और इस अवधि में उन्होंने अधिकतम अनुमेय प्रयासों की सीमा पार कर दी थी। सीएसई नियम 2022 के तहत ओबीसी और पीडब्ल्यूडी श्रेणियों के लिए अनुमेय प्रयासों की संख्या नौ है। इस प्रकार, सुश्री खेडकर को सीएसई-2022 में उम्मीदवार बनने के लिए अयोग्य पाया गया।
इसके अलावा, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया था। खेडकर अपने कैडर राज्य महाराष्ट्र में एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। यूपीएससी और दिल्ली पुलिस ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था, यह कहते हुए कि उन्होंने न केवल आयोग बल्कि जनता के साथ भी धोखा किया है।
इस मामले में जांच के बाद, केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का निर्णय लिया।