कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिनों तक हड़ताल की। अब, जनरल बॉडी की बैठक के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली है और शनिवार से काम पर लौटने का निर्णय लिया है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू होंगी, जबकि ओपीडी सेवाएं निलंबित रहेंगी।
धरने का अंत, लेकिन आंदोलन जारी
जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के सामने पिछले 10 दिनों से चल रहे धरने को समाप्त कर दिया है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक मृत महिला डॉक्टर को न्याय नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ दो दौर की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के आश्वासन
मुख्यमंत्री की बैठक के बाद, कोलकाता पुलिस आयुक्त और अन्य उच्च अधिकारियों को हटा दिया गया था। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव को सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं, जिसमें सीसीटीवी कैमरे और ‘पैनिक बटन’ लगाने की व्यवस्था शामिल है।
सुरक्षा ऑडिट का कार्य
बंगाल पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ को सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का सुरक्षा ऑडिट करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा, डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति की भी बात की गई है।
धरनास्थल पर तिरपाल और पंखे हटाए गए
धरना स्थल पर लगे तिरपाल और पंखे गुरुवार सुबह हटा दिए गए, जिसे डॉक्टरों ने पुलिस के दबाव का परिणाम बताया। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप से इंकार किया है।