बेसिक शिक्षा विभाग में नियम विरुद्ध अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं के खिलाफ अग्र भारत द्वारा चलाई जा रही मुहिम को बड़ी सफलता मिली है। विभागीय अधिकारियों ने इन बाबुओं को मुख्यालय से हटाकर देहात क्षेत्र के ब्लॉकों में स्थानांतरित कर दिया है। विदित हो कि बेसिक शिक्षा विभाग में कई वर्षों से कुछ बाबू नियम विरुद्ध तरीके से अटैचमेंट पर तैनात थे। ये बाबू विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज होकर अपनी मनमानी कर रहे थे। अग्र भारत ने लगातार इस मुद्दे को उठाया और विभागीय अधिकारियों से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की। बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल; अटैचमेंट पर वर्षों से जमे बाबुओं का रिलीविंग आदेश हुआ जारी, अग्र भारत की मुहिम रंग लाई
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में आए दिन नवीन नियम जारी होना कोई नई बात नहीं है। नियमों के पालन हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा आदेश जारी किए जाते हैं। आदेश जारी करने वाले अधिकारी अपने ही आदेश का पालन करवाने के प्रति गंभीर नहीं रहते, जिसका फायदा अधीनस्थ जमकर उठाते हैं।
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के आगरा मुख्यालय पर नियम विरूद्ध तरीके से अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं का कॉकस काफी गहरा है। विभाग की सारी बुनियाद ही इन्हीं के इर्द गिर्द घूमती है। विभाग के अधिकांश महत्वपूर्ण एवं कमाऊ पटल इन्हीं के कब्जे में हैं। आपके लोकप्रिय समाचारपत्र अग्र भारत द्वारा जनहित में नियम विरूद्ध अटैचमेंट के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई गई। विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से इस विषय पर लगातार संवाद बनाया गया। जिसके बाद विगत में बीएसए आगरा द्वारा मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं को देहात क्षेत्र के ब्लॉक की बीआरसी पर स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया था। बीएसए के आदेश को बाबुओं द्वारा हवा में उड़ाते हुए मुख्यालय से अपनी तैनाती नहीं छोड़ी। इधर अग्र भारत द्वारा अटैचमेंट के खिलाफ मुहिम को जारी रखा गया।
बताया जाता है कि बीते 19 सितंबर को बीएसए जितेंद्र कुमार गोंड द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक कनिष्ठ सहायक अर्चना सिंह को फतेहाबाद, लक्ष्मीकांत दीक्षित को अछनेरा, राहुल गुप्ता को खंदौली, नरेश नरमा को बाह भेजा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल, रिलीविंग आदेश हुआ जारी
क्या यह फेरबदल स्थायी होगा?
बेसिक शिक्षा विभाग आगरा के पूर्व के इतिहास को देखते हुए देखा जाए तो दबंग बाबू अपने हनक के बलबूते अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों को ताक लार रखते हैं। कथित रूप से मुख्यालय पर मिलने वाली मलाई के मोह में मुख्यालय को किसी कीमत पर छोड़ना चाहते। बीएसए द्वारा एक माह पूर्व बाबुओं के लिए गए स्थानांतरण के बावजूद उन्होंने चार्ज नहीं छोड़ा, जिसके बाद बीएसए को उनका रिलीविंग आदेश जारी करना पड़ा है।
भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे बाबू पर लगातार हो रही मेहरबानी
मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात बाबू लगातार सुर्खियों मैं बना हुआ है। एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद जेल गया, जेल से छूटते ही मुख्यालय पर फिर से बिग बॉस बन गया। वर्तमान में मुख्यालय की धुरी उसके मुताबिक घूमती है। शासन से लेकर विभाग में उसके खिलाफ गंभीर आरोपों वाली शिकायतें लंबित हैं, इसके बावजूद कथित रूप से बीएसए आगरा उससे मोहभंग नहीं कर पा रहे हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे बाबू
इनमें से कुछ बाबू भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिर चुके हैं। इनके खिलाफ कई शिकायतें लंबित हैं, लेकिन अभी तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों इन बाबुओं को बचाया जा रहा है?
यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या होता है। क्या ये बाबू फिर से कोई रास्ता निकाल कर मुख्यालय में वापस आ जाएंगे या फिर विभागीय अधिकारी इस बार सख्त कार्रवाई करेंगे?