अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो हमेशा विद्यार्थियों की मांगों को प्रमुखता से उठाता आया है। हाल ही में, ABVP ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर आंदोलन का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने अपने अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई।
प्रमुख मांगें
1. लिखित परीक्षा का आयोजन: ABVP ने विश्वविद्यालय से आग्रह किया है कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिखित परीक्षा कराई जाए, ताकि नकल माफियाओं पर काबू पाया जा सके।
2. आरटीआई और चुनौती मूल्यांकन: छात्रों के हित में आरटीआई और चुनौती मूल्यांकन की प्रक्रिया को पुनः शुरू करने की मांग की गई है।
3. विशेष परीक्षा: 2015 से 2023 तक किसी एक विषय या प्रयोगात्मक परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा कराने की मांग की गई है, जो अब तक शुरू नहीं की गई है।
4. वित्तीय अनियमितता की जांच: ABVP ने विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे रेनोवेशन कार्यों की पारदर्शिता की मांग की है, ताकि पता चल सके कि ये कार्य किस आधार पर किए जा रहे हैं।
5. अतिथि भवन और अन्य सुविधाएं: विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन परिसर में स्थित अतिथि भवन को तत्काल छात्रों के लिए खोले जाने की मांग की गई है, साथ ही जिम और स्विमिंग पूल को भी फिर से शुरू किया जाए।
6. छात्र परिषद का गठन: सत्र 2024-25 के लिए मान्यता प्राप्त छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ छात्र परिषद का गठन किया जाए।
7. पीने के पानी और शौचालयों की व्यवस्था: विश्वविद्यालय के पालीवाल परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था न होने और टूटे हुए शौचालयों को तुरंत ठीक करने की मांग की गई है।
8. छात्र हॉस्टल का निर्माण: दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों के लिए खंदारी परिसर में छात्र हॉस्टल का निर्माण किया जाए।
9. प्रौद्योगिकी का समावेश: विश्वविद्यालय के सभी परिसरों को तकनीकी दृष्टि से सुसज्जित करने की आवश्यकता बताई गई है।
10. पीएचडी प्रवेश परीक्षा: खाली सीटों के लिए दोबारा विज्ञापन निकालकर प्रवेश परीक्षा कराने की मांग की गई है।
11. टैबलेट वितरण: स्वामी विवेकानंद युवा शक्तिकरण योजना के तहत छात्रों को वितरित किए जाने वाले टैबलेट्स की शीघ्र आपूर्ति की मांग की गई है।
12. शोधार्थियों को वित्तीय सहायता: सभी शोधार्थियों को एक निश्चित राशि शोध के लिए प्रदान की जाए।
13. छात्र संघ चुनाव: छात्रों में लोकतांत्रिक भावना और नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की गई है।
आंदोलन की स्थिति
इस आंदोलन की शुरुआत सुबह 11:30 बजे हुई और यह शाम 6 बजे तक चला। इस दौरान पुलिस के साथ कई बार नोकझोंक भी हुई। कार्यकर्ता कुलपति के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए, जहां उन्होंने कुलपति से बिंदुवार वार्ता की। हालांकि, कुलपति ने छात्रों को ही विश्वविद्यालय की समस्याओं का दोषी ठहराया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
ABVP के नेताओं ने इस स्थिति पर चिंता जताई। महानगर संगठन मंत्री गौरव यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में सैकड़ों विद्यार्थी मार्कशीट ठीक कराने के लिए भटक रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता स्पष्ट है।
ABVP ने कुलपति को 12 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है और 48 घंटे का समय दिया है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे उग्र आंदोलन की योजना बना रहे हैं। इस आंदोलन में दिव्यांशी पाराशर, माही सिंह, और कई अन्य कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
छात्रों की यह सामूहिक आवाज स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि वे अपने अधिकारों के लिए सजग हैं और किसी भी प्रकार के अन्याय को सहन नहीं करने के लिए तत्पर हैं। ABVP की ये मांगें न केवल छात्रों के हित में हैं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भी आवश्यक हैं।