पूर्व सांसद जयाप्रदा को मिली बड़ी राहत: चुनाव आचार संहिता मामले में कोर्ट ने किया बरी!

पूर्व सांसद जयाप्रदा को मिली बड़ी राहत: चुनाव आचार संहिता मामले में कोर्ट ने किया बरी!

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बड़ी राहत मिली है।

फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बड़ी राहत मिली है। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है, जहां उन पर नूरपुर गांव में सड़क के उद्घाटन का आरोप था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किए गए दो मामलों में से एक में पहले ही उन्हें बरी किया गया था। जयाप्रदा ने न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सब राजनीति का परिणाम था। वह रामपुर की जनता के प्रति अपने प्रेम को दोहराते हुए चुनावी राजनीति में सक्रिय रहने का संकेत दिया।

रामपुर। फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बड़ी राहत मिली है। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बुधवार को बरी कर दिया। जयाप्रदा पर आरोप था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन किया, जो आचार संहिता के खिलाफ था।

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मामले का विवरण

जयाप्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले दर्ज हुए थे। इनमें से एक मामला केमरी थाने में था, जिसमें वे पहले ही बरी हो चुकी हैं। स्वार कोतवाली में दर्ज एक अन्य मामले में बुधवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया। आरोप था कि जयाप्रदा ने आचार संहिता के उल्लंघन के बावजूद एक वीडियो के माध्यम से नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन किया था।

जांच और सुनवाई

पुलिस ने मामले की जांच की और आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही थी। जयाप्रदा ने अपने अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना के माध्यम से बताया कि अभियोजन पक्ष अपने केस को साबित करने में असफल रहा। उन्होंने यह भी कहा कि गवाहों में कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था और जिस वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई, उसकी फॉरेंसिक जांच नहीं कराई गई।

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जयाप्रदा का बयान

 

कोर्ट के बाहर जयाप्रदा ने कहा, “हमें इंसाफ मिला है। यह मामला मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने से रोकने के लिए रंजिशन झूठा दर्ज किया गया था।” उन्होंने कहा कि वह रामपुर की जनता से बहुत प्यार करती हैं और आगे भी उनकी सेवा करती रहेंगी। जयाप्रदा ने कुंदरकी उप चुनाव में अपनी संभावित उम्मीदवारी पर कहा कि यह उनके शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर निर्भर करेगा।

जयाप्रदा की इस जीत से यह स्पष्ट होता है कि चुनावी राजनीति में मुकदमों का प्रयोग कभी-कभी रंजिशों का परिणाम भी हो सकता है। अब देखना होगा कि भविष्य में उनके राजनीतिक करियर में यह मामला किस प्रकार की भूमिका निभाता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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