डा. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सुधारों की नई दिशा, कुलपति प्रो. आशुरानी ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं

सीनेट चुनाव की कार्यवाही जल्द ही शुरू होगी। विश्वविद्यालय के डाटा सुरक्षा के लिए क्लाउड प्रणाली लागू। सेंट्रल लाइब्रेरी का डिजिटलीकरण और म्यूजियम की तैयारी। आडिट रिपोर्ट पर पूर्ण पारदर्शिता और समाधान के प्रयास। जल समस्या के समाधान के लिए सेमिनार और प्रदर्शनी आयोजित करने का प्रस्ताव। प्रो. राम शंकर कठेरिया को पचनदा डेम परियोजना के लिए सम्मानित करने का आग्रह।

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

आगरा: डा. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा देश के प्रमुख और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। इस विश्वविद्यालय की गरिमामयी छवि को पुनर्स्थापित करने के लिए कुलपति प्रो. आशुरानी द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों से हाल ही में हुई औपचारिक मुलाकात में विश्वविद्यालय में चल रहे सुधार कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।

सीनेट के चुनाव पर विशेष ध्यान

कुलपति प्रो. आशुरानी ने बताया कि उन्होंने सीनेट चुनाव को लेकर पूरी गंभीरता से कार्यवाही शुरू कर दी है। आने वाले समय में सीनेट और विश्वविद्यालय के विभागों, कमेटियों आदि की आधिकारिक बैठकों के लिए विश्वविद्यालय के अत्यंत भव्य सीनेट हाल का उपयोग किया जाएगा।

आधुनिक तकनीक का समावेश – डाटा सुरक्षा और क्लाउड की खरीद

प्रो. आशुरानी ने विश्वविद्यालय के डाटा सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय का अपना क्लाउड है, जिससे डाटा की हेराफेरी और गायब होने जैसी घटनाओं पर पूर्ण रूप से नियंत्रण पाया जा चुका है। पुराने रिकॉर्ड को अपडेट करने का कार्य भी तेज़ी से चल रहा है, और विश्वविद्यालय के सभी पुराने रिकॉर्ड जल्द ही अपडेट हो जाएंगे।

सेंट्रल लाइब्रेरी का डिजिटलीकरण

कुलपति ने विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी के डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी की समृद्धि में वृद्धि हुई है, जिसमें आगरा के इतिहास से संबंधित साहित्य और शोधपरक पुस्तकों की भरमार है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जो जल्द ही जनसामान्य के लिए खुलने वाला है।

आडिट रिपोर्ट और पारदर्शिता

आडिट रिपोर्ट पर सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कुलपति प्रो. आशुरानी ने कहा कि वे इस मामले को गंभीरता से लेती हैं। वित्त विभाग के अधिकारियों से उपयुक्त समाधान प्राप्त करने के लिए वह कदम उठाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वे पहले भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

केएम हिन्दी इंस्टीट्यूट और अन्य संस्थानों का संरक्षण

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने विश्वविद्यालय के प्रमुख संस्थानों जैसे केएम हिन्दी इंस्टीट्यूट, सोशल साइंस इंस्टीट्यूट, और गृह विज्ञान संस्थान को उनके ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व के कारण निरंतर संचालित रखने की अपील की। इस पर कुलपति ने सहमति जताई और कहा कि इन संस्थानों की गरिमा बनाए रखी जाएगी।

पचनदा डेम परियोजना में योगदान

कुलपति ने पचनदा डेम परियोजना की अहमियत पर भी सहमति जताई। यह परियोजना चम्बल और यमुना सहित पांच नदियों पर डेम बनाने की योजना है, जो बहुउपयोगी साबित होगी। प्रो. राम शंकर कठेरिया द्वारा सांसद रहते हुए इस परियोजना के लिए किए गए योगदान को भी उन्होंने सराहा।

आगरा की जल समस्या पर सेमिनार का प्रस्ताव

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा द्वारा आगरा की गहराती जल समस्या पर एक सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव दिया गया। कुलपति ने इस पहल का समर्थन किया और कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से आगरा की जल समस्याओं और समाधान पर सही दिशा में काम किया जा सकता है। इसके साथ ही, जल समस्या को लेकर प्रेस फोटो ग्राफर श्री असलम सलीमी द्वारा प्रदर्शनी आयोजित करने की भी सिफारिश की गई।

नौ सूत्रीय ज्ञापन और भविष्य की उम्मीदें

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने कुलपति से 9 सूत्रीय ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें विश्वविद्यालय में सुधार, रिक्तियों की नियुक्ति, और समाज विज्ञान संस्थान के प्रोजेक्टों को लेकर पहल करने की मांग की गई। अनिल शर्मा, सचिव, सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने इस मुलाकात को सकारात्मक कदम बताया और विश्वास व्यक्त किया कि सीनेट चुनाव के बाद विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितताओं का समाधान जल्द ही हो जाएगा।

 

 

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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