टेक्नोलॉजी के बल पर फुटवियर उद्योग बन सकता है औद्योगिक विकास का सिरमौर, विशेषज्ञों ने रखे विचार

Rajesh kumar
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आगरा में आयोजित ‘मीट एट आगरा’ सम्मेलन ने यह सिद्ध कर दिया कि तकनीकी नवाचार और स्मार्ट फुटवियर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उद्योग के विशेषज्ञों और उद्यमियों ने मिलकर इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए नए रास्तों पर विचार किया। इन प्रयासों के माध्यम से भारतीय फुटवियर उद्योग वैश्विक मंच पर प्रमुख स्थान बना सकता है।

आगरा। आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्टर्स चैम्बर्स (एफमेक) द्वारा आयोजित ‘मीट एट आगरा’ के 16वें संस्करण में फुटवियर उद्योग की तकनीकी उन्नति और भविष्य के विकास पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। शनिवार को आयोजित तकनीकी सत्र में उद्योग के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे नवाचार, तकनीकी सहयोग और स्मार्ट फुटवियर का निर्माण भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकता है।

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मुख्य वक्ता के रूप में एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग उत्तर प्रदेश के सचिव आईएएस प्रांजल यादव, एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक प्रतुल चंद्र सिन्हा, जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्री अनुज कुमार, और एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर सहित कई विशेषज्ञों ने सत्र में भाग लिया। कार्यक्रम में फुटवियर उद्योग से जुड़े उद्यमियों के साथ कॉलेजों के छात्र भी शामिल हुए, जिन्होंने इस क्षेत्र में अपने करियर के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया।

टॉपिक: फुटवियर निर्माण में स्थिरता और नवाचार

पहले सत्र में फुटवियर उद्योग के स्थिरता और नवाचार पर चर्चा की गई। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक प्रतुल चंद्र सिन्हा ने सरकार की नीतियों और उद्योग के लिए एमएसएमई क्षेत्र में उपलब्ध योजनाओं का जिक्र किया। ताइवान के प्रतिनिधिमंडल प्रमुख माइल्स ल्यू ने तकनीकी सहयोग के माध्यम से उद्योग की मजबूती पर जोर दिया। वहीं, एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर ने उद्योग के भविष्य में स्मार्ट फुटवियर और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के महत्व पर चर्चा की।

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स्मार्ट फुटवियर और प्रौद्योगिकी का समन्वय

दूसरे सत्र में स्मार्ट फुटवियर के भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी के समन्वय पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। प्रांजल यादव ने बताया कि किस प्रकार सरकारी नीतियाँ स्मार्ट फुटवियर उद्योग को प्रोत्साहित कर सकती हैं। आइएलजीए के चेयरमैन मोतीलाल सेठी ने स्मार्ट फुटवियर के उत्पादन को अधिक इको-फ्रेंडली और इनोवेटिव बनाने की आवश्यकता को उजागर किया।

ई-कॉमर्स और फुटवियर रिटेल का भविष्य

तीसरे और अंतिम सत्र में ‘फुटवियर में रिटेल का भविष्य’ पर चर्चा की गई। जॉइंट कमिश्नर अनुज कुमार ने ऑनलाइन रिटेल और स्थानीय उद्योगों के समन्वय पर प्रकाश डाला। एसबीआई के डीजीएम राजीव मिश्रा ने डिजिटल ट्रांजैक्शन और ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव पर विचार किए, जबकि लेदर सेक्टर स्किल काउंसिल के संजय कुमार ने फुटवियर उत्पादन और कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया।

फुटवियर तकनीकी अनुसंधान के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर

सत्र के अंत में शारदा यूनिवर्सिटी और एफमेक के बीच फुटवियर क्षेत्र में तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर शारदा यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. जयंती रंजन और एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एफमेक के अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रकार की साझेदारियाँ भारतीय फुटवियर उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने में मदद करेंगी।

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आकड़े

इस साल ‘मीट एट आगरा’ कार्यक्रम में कुल 7109 विजिटर्स ने भाग लिया, जिनमें से 2045 रजिस्टर्ड बिजनेस विजिटर्स थे।

मुख्य उपस्थित

इस कार्यक्रम में एफमेक के अनुरुद्ध तिवारी, संजय डंग, डॉ. रेणुका डंग, संजीव सिंह, प्रदीप वासन, सीएलई के सहायक निदेशक आरके शुक्ला और महासचिव दीपक मंनचदा सहित कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

 

 

 

 

 

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