मंडल अध्यक्ष का महत्व
मंडल अध्यक्ष भाजपा संगठन का एक अहम हिस्सा होते हैं, जिनकी भूमिका चुनाव प्रचार, संगठन के कार्यक्रमों को लागू करने और सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण होती है। साथ ही, जिलाध्यक्ष के चुनाव में भी मंडल अध्यक्षों की राय महत्वपूर्ण होती है। इसलिए, विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हर बड़े नेता और दावेदार की नज़र रहती है।
आगरा जिले में 26 मंडल हैं, जहां हर मंडल में अध्यक्ष पद के लिए चार से पांच दावेदार सक्रिय हैं। इन चुनावों के लिए बैठकें जारी हैं और जिले के चुनाव अधिकारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने भी मंडल चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। प्रदेश संगठन की ओर से जैसे ही चुनाव की तिथि तय होगी, चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर दावेदारों की लंबी सूची
भाजपा में जिलाध्यक्ष पद के लिए एक दर्जन से ज्यादा दावेदार सक्रिय हैं। सांसद, विधायक, और चुनाव मैदान में उतरने की मंशा रखने वाले नेता सभी अपने-अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इस दौरान लंच और डिनर पॉलिटिक्स भी खूब हो रही है, और जातिवाद के आधार पर समर्थकों के नाम तय किए जा रहे हैं।
संगठन में इस समय ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं के बीच बढ़त देखने को मिल रही है, लेकिन ब्राह्मण समाज भी खुद को इस पद का दावेदार मान रहा है। ब्राह्मण नेताओं का तर्क है कि जिले में संगठन से लेकर सरकार तक में काफी प्रतिनिधित्व मिल चुका है, लेकिन ब्राह्मण समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
जिलाध्यक्ष के दावेदार
- गिर्राज कुशवाह: वर्तमान जिलाध्यक्ष, जो एक बार फिर से इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं।
- राकेश कुशवाह: जिनके पिता ओम प्रकाश कुशवाह भी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, राकेश का नाम भी चर्चा में है।
- प्रशांत पोनियां और सोनू चौधरी: जाट समाज से प्रबल दावेदार।
- ब्राह्मण समाज: इस वर्ग से कई दावेदार हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- संतोष कटारा (जिला उपाध्यक्ष)
- हेमेंद्र शर्मा (क्षेत्रीय उपाध्यक्ष)
- श्याम सुंदर पाराशर
- ऋषि उपाध्याय
- सत्यदेव शर्मा
- उमेश सेंथिया
- सहदेव शर्मा (पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष)
- वैश्य समाज: दिनेश गोयल भी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं।
- एससी वर्ग: उमाशंकर माहौर इस पद के लिए मजबूत दावेदार हैं।
भाजपा में जिलाध्यक्ष पद को लेकर जंग तो तेज है, लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व किसे चुनता है और किसकी किस्मत खुलती है। साथ ही, मंडल अध्यक्षों का चुनाव इस दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
आखिरकार, यह स्थिति समय और चुनाव की तारीख के अनुसार स्पष्ट होगी, लेकिन भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।