आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, पालीवाल पार्क परिसर में स्थित एस.आर. रंगनाथन केंद्रीय पुस्तकालय ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य संविधान और उसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था, और इसे विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकगण, कर्मचारी और छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० आशू रानी के संरक्षण में हुआ। प्रदर्शनी में लगभग सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जो इस महत्वपूर्ण विषय में अपनी समझ बढ़ाने के लिए एकत्र हुए थे।
संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय पुस्तकालय के पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो० विनीता सिंह, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, समाज विज्ञान संस्थान और केंद्रीय पुस्तकालय के कर्मचारियों के सहयोग से हुई। इसके बाद, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परीक्षा नियंत्रक डॉ० ओम प्रकाश द्वारा फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया।
संविधान के प्रति जागरूकता का संदेश
प्रो० यू.सी. शर्मा और प्रो० मौ. अरशद (डी.एस.डब्ल्यू.) ने संविधान के प्रति समर्पण और गौरव के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रदर्शनी में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी और सम्मान का संदेश दिया।
प्रदर्शनी में प्रमुख आकर्षण
प्रदर्शनी में भारत के संविधान की मुख्य प्रति के साथ-साथ दुनिया के प्रमुख संविधानों, जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान के संविधान को भी प्रदर्शित किया गया। इन संविधानों ने प्रदर्शनी में मौजूद सभी को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की और संविधान की वैश्विक भूमिका को समझने में मदद की।
प्रदर्शनी में के.वी. रामासुभ्रमन्यम द्वारा लिखित “भारतीय संविधान का मूल्यांकन” नामक पुस्तक भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी, जो संविधान के महत्व और उसके प्रभाव का विश्लेषण करती है।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग
इस कार्यक्रम में डी.आर. पवन कुमार, अनूप केसरवानी, श्री जय प्रकाश सिंह, श्री विनय चौधरी और श्री संजय पाठक सहित विश्वविद्यालय के अन्य सम्मानित सदस्य भी उपस्थित थे। उनके योगदान से कार्यक्रम और प्रदर्शनी की सफलता सुनिश्चित हुई।
संविधान दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए, यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच संवैधानिक मूल्यों की जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।