मंगेशकर और उनकी चौकड़ी नहीं आ रहे बाज, देश के एथलीट्स को गुमराह कर ओपन प्रतियोगिता के नाम पर खुलेआम लूट

लखनऊ ब्यूरो
8 Min Read
  •  एक तरफ आरडी मंगेशकर सब कुछ ख़त्म होने के बावजूद देश के एथलीट्स को लूटने में जुटे, टीएफआई के जमीदोज होने के बाद मंगेशकर और उनकी चौकड़ी तिलमिला रही
  • आईओए पदाधिकारियों ने कहा कि आईओए का नाम उपयोग करने पर करेंगे वैधानिक कार्रवाई
  •  स्वयंभू नामदेव खुद को बचाने में जुटे और लगा रहे दक्षिण कोरिया के चक्कर, वर्ल्ड ताइक्वांडो की मान्यता बचाने के लिए अपना रहे श्याम,दाम, दंड, भेद की नीति

प्रदीप कुमार रावत

आगरा/ लखनऊ। दशहरा में रावण दफ़न के साथ बुराई का अंत हो चुका है। दीपावली निकल चुकी है, अब एक बार फिर नया साल आने वाला है। एक नए सूर्य उदय के साथ में नई उम्मीदों को जगाने के लिए, नए भविष्य के लिए जो देश की भावी पीढ़ी को दिशा देगा। रावण दफन के साथ भारतीय ताइक्वांडो में भी इतिहास लिखा जा रहा है, दशहरा पर जहां दशानन रावण का दहन हो रहा था। भारत में रावण रूपी दशमुखौटों वाले दक्षिणपंथी गुट भी जमीनदोज हो रहा था। देश के खेलों की रीड कहीं जाने वाली भारतीय ओलंपिक संघ ने ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया का नामो निशां मिटा दिया है, उसे जमीन दोज कर दिया गया है। यही नहीं खेल मंत्रालय ने भी फि के दक्षिणपंथी मठाधीशों को आइना दिखाते हुए प्रेम पूर्वक विदाई दे दी है। आईओए और खेल मंत्रालय से विदाई के बाद ताइक्वांडो के यह मठाधीश बिलबिला और छटपटा रहे हैं। जिसका असर राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले लखनऊ पर भी दिखाई दे रहा है। लखनऊ की मिठास अब कड़वाहट में बदलती हुई दिखाई दे रही है। यहां की मशहूर रेवाड़ी में कीड़े लग गए हैं, लेकिन यह कीड़े अभी भी बिल बिला और छटपटा रहे हैं। ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की विदाई के पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक तमाम तानाशाह ताइक्वांडो की राजनीति से अपनी विदाई को लेकर नई उम्मीद टटोल रहे हैं, उन्हें हर जगह हताशा और निराशा ही मिल रही है। यह मठाधीश जाते-जाते भी खिलाड़ियों को फर्जी प्रमाण पत्र देने जा रहे हैं और अपनी जेबें में गर्म कर रहे हैं।

See also  क्यूआर कोड से सफर कर सकेंगे मेट्रो यात्री 50 से ज्यादा स्टेशनों पर ट्रायल शुरू

बताते चलें कि अंदर खाने भारत के अंदर खेलों की रीड़ कहीं जाने वाला भारतीय ओलंपिक संघ इन दिनों अंतर्कलह से गुजर रहा है, यहां कोई नहीं जानता कब तख़्ता पलट जाए, कौन किनारे लग कर बाहर हो जाए और कौन रातों रात देश की खेल राजनीति का बादशाह बन जाए। आईओए के साथ-साथ दर्जनों खेल संघ में भी तूफान मचा हुआ है। तमाम खेल संघों में दो या तीन धड़े कम कर रहे हैं। हर खेल संघ में एक दूसरे को पटखनी देने के लिए शह और मात का खेल चला जा रहा है। शराब, शबाब और कबाब तक उपहार के रूप में पेश किया जा रहे हैं। बस प्रयास यही है किसी भी तरीके से गद्दी मिल जाए, यही नहीं दर्जनों खेल संघों के मठाधीश अपने अस्तित्व को बचाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। उन्हें पता है अगर मात मिली तो यहां से वापसी करना मुश्किल है।

जो हाल भारतीय ओलंपिक संघ का चल रहा है, उससे बदतर हालात भारत में ताइक्वांडो में दिखाई दे रहे हैं। इसी आईओए ने ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (मंगेशकर गुट ) मान्यता रद्द की थी, यही नहीं खेल मंत्रालय भी टीएफआई के इस गुट को पहले ही विदा कर चुका है। उधर, इंडिया ताइक्वांडो के स्वयंभू नामदेव वर्ल्ड ताइक्वांडो में अपनी गोटी फंसाए हुए हैं और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें जो डब्ल्यू टी से दिसंबर तक की मोहलत मिली है उसमें वह कामयाब हो जाएंगे। इन्हीं दिवास्वप्न में नामदेव खोए हुए हैं, और लगातार दक्षिण कोरिया की सैर पर जा रहे हैं। श्याम, दाम, दंड, भेद हर हथकंडा अपना रहे हैं कि उनकी वर्ल्ड ताइक्वांडो से मान्यता बरकरार रहे। उन्हें स्पष्ट शब्दों में वर्ल्ड ताइक्वांडो से बता दिया गया है कि यह उनका अंतिम अवसर है। किसी को लेकर नामदेव वैश्विक मठाधीशों के यहां चक्कर लगाते दिखाई दे रहे हैं, इसमें किसी को हैरत भी नहीं है।

See also  बेसिक शिक्षा विभाग में वेतन घोटाले,अधिकारियों के सरंक्षण का आरोप विवादित बिल बाबू को उच्चाधिकारियों का मिल रहा अभयदान

अब सवाल यह उड़ता है कि आखिर वर्ल्ड ताइक्वांडो कब तक इन्हें झेलेगा और क्यों झेलेगा। जी हाँ, इसी का जवाब ढूंढने में सब जुटे हुए हैं, आखिर भारत के खिलाड़ियों का क्या होगा और उनका भविष्य क्या होगा। ऊपर हम स्पष्ट कर चुके हैं कि आईओए में इस समय गड़बड़ झाला चल रहा है, जो संस्था खुद ही जूझ रही है, वह किसी को क्या मान्यता देगी। नामदेव को आईओए से मान्यता नहीं मिलती तो इस बार वर्ल्ड ताइक्वांडो से उनकी विदाई तय है।

उधर, ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के मठाधीश देश के खिलाड़ियों को एक बार फिर घूमराह करते हुए जाते जाते अपनी जेबें गर्म करने के लिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय ओपन प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं। इसके लिए आरडी मंगेशकर बकायदा 11 नवंबर को लैटर जारी कर अपने लोगों को उक्त ओपन प्रतियोगिता में प्रतिभा करने के लिए कहा गया है। जिस लेटर पर यह नोटिस भेजा गया उस पर आरडी मंगेशकर ने अपने लैटर हैड पर आईओए एवं खेल मंत्रालय से अपनी मान्यता दिखाई है, जो कि मिथ्या, भ्रामक एवं खिलाड़ियों को गुमराह करने वाली है। आरडी मंगेशकर और उनकी टोली आज भी खुद को भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय से संबद्ध बता कर खुलेआम भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ को ठेंगा दिखा रहे हैं। जब इस मसले पर भारतीय ओलंपिक संघ के पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह नाजायज है, 420 का मामला बनता है यही नहीं देश के खिलाड़ियों के साथ सीधे सीधे फ्रॉड है। मैंने कहा कि अगर भारतीय ओलंपिक संघ का मामला ख़त्म होता है तो मामले को वह उठाएंगे और वैधानिक कार्रवाई भी करेंगे।

See also  UP Police Recruitment 2023: यूपी पुलिस में 60244 पदों पर बंपर भर्ती, New Update

आरडी मंगेशकर और उनके गुर्गे कोलकाता में हो रही उक्त प्रतियोगिता में में क्योरुगी इवेंट में 2500 रूपये का शुल्क ले रहे हैं लेकिन इसमें फूडिंग शामिल नहीं है। यही नहीं खिलाड़ियों को तकिया, चादर, कंबल भी खुद ही लाना होगा। इसके साथ ही पुमसे इवेंट के लिए प्रति खिलाड़ी 3500 रुपये देने होंगे और अगर टीम इवेंट है तो पुमसे का यह शुल्क 4500 रूपये पहुंच जाएगा। ताइक्वांडो के इन मठ ऋषियों की दसों उंगलियों घी में है और सिर कढ़ाई में। ताइक्वांडो के यह मठाधीश आरडी मंगेशकर अपने चौकड़ी यानि कि सुकून सिंह, संतोष मोहंती, प्रवीन कुमार, राज कुमार एन्ड कंपनी को जाते जाते कमाई के अवसर दे रहे हैं। यह जानते हैं कि ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया का वजूद खत्म हो चुका है, आने वाला समय इनके लिए कष्टदायी होगा। आरडी मंगेशकर की यह चौकड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता के नाम पर ही नहीं बल्कि ब्लैक बेल्ट, कलर बेल्ट, राष्ट्रीय सेमिनार, रिफ्रेशर कोर्स के नाम पर भी जमकर खिलाड़ियों को लूटने का काम कर रही है।

 

 

 

See also  आगरा की बबीता चौहान बनीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, अपर्णा यादव और चारू चौधरी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया
TAGGED:
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement