UP News: एटा में तंबाकू उत्पादों की ओवररेटेड बिक्री: प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

Pradeep Yadav
4 Min Read
UP News: एटा में तंबाकू उत्पादों की ओवररेटेड बिक्री: प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

एटा और उसके आसपास अलीगंज, जैथरा, धुमरी, राजा का रामपुर, आवागढ़, निधौली कलां, सकीट आदि क्षेत्रों में गोल्ड मोहर गुटका (तंबाकू) की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक कीमत पर बिक्री जारी है। मुनाफाखोर बड़े-बड़े स्टॉकिस्ट लाखों रुपए के बारे न्यारे कर रहे हैं। स्थानीय दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे गोल्ड मोहर खाने वाले शौकीनों को मजबूरी में महंगे दाम चुकाने पड़ रहे हैं। प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण मुनाफाखोर बेखौफ होकर अपने मुनाफे को बढ़ाने में लगे हुए हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, 5 रुपये का गुटका पैकेट 7 से 8 रुपये में बेचा जा रहा है। यह स्थिति न केवल शहरी इलाकों में, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रही है। कई बार ग्राहक इस अवैध वसूली का विरोध करते हैं, लेकिन स्थानीय विक्रेता ऊपर से महंगा आने का हवाला देकर ग्राहकों को उल्लू बना रहे हैं।
मुनाफाखोरी के इस खेल से न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि समाज में गलत व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। दुकानदार खुलेआम अधिक दाम पर बिक्री करते हैं और ग्राहकों को चुनौती देने पर प्रशासनिक कार्रवाई का मजाक उड़ाते हैं।

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जनता ने प्रशासन से अपील की है कि इस तरह की अवैध वसूली और काला बाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करना चाहिए और दोषी दुकानदारों और इस खेल में शामिल बड़े मुनाफाखोरों पर जुर्माना लगाना चाहिए।

जनपद एटा और आसपास के क्षेत्रों में तंबाकू उत्पादों की ओवररेटेड बिक्री एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह न केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करता है।
क्या कहता है कानून
अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य पर वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री करना कानूनन अपराध है। यह नियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा और बाजार में मुनाफाखोरी रोकने के लिए बनाया गया है।

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1. कानूनी प्रावधान

कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019:
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत, यदि कोई विक्रेता एमआरपी से अधिक पर वस्तु बेचता है, तो इसे उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। उपभोक्ता इस मामले में शिकायत दर्ज करा सकता है।

लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009:
इस अधिनियम के तहत, प्रत्येक उत्पाद पर MRP का स्पष्ट उल्लेख करना अनिवार्य है। यदि कोई विक्रेता एमआरपी से अधिक वसूलता है, तो उस पर जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।

2. दंड और जुर्माने का प्रावधान

पहली बार उल्लंघन:
जुर्माना ₹25,000 तक हो सकता है।

दूसरी बार उल्लंघन:
जुर्माना ₹50,000 तक बढ़ सकता है।

बार-बार उल्लंघन:
1 लाख रुपये तक का जुर्माना, 1 वर्ष की कैद, या दोनों हो सकते हैं।
उपभोक्ता का अधिकार और शिकायत प्रक्रिया

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यदि कोई दुकानदार एमआरपी से अधिक पर वस्तु बेचता है, तो उपभोक्ता निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

स्थानीय प्रशासन में शिकायत: संबंधित जिलाधिकारी (DM) या उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी को सूचित करें।

कंज्यूमर हेल्पलाइन: 1800-11-4000 या 14404 पर शिकायत दर्ज करें।

ऑनलाइन शिकायत: https://consumerhelpline.gov.in पर शिकायत करें।

उपभोक्ता फोरम: जिला, राज्य, या राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता फोरम में मामले को प्रस्तुत करें।

अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक पर वस्तु बेचना कानून का उल्लंघन है। उपभोक्ताओं को जागरूक होकर शिकायत दर्ज करनी चाहिए, और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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