चैक डिसऑनर मामले में आरोपी को सत्र न्यायालय से मिली राहत, अधीनस्थ न्यायालय का आदेश हुआ निरस्त

MD Khan
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आगरा: चैक डिसऑनर के मामले में दंडित आरोपी अमृत लाल उर्फ अमृत पाल को सत्र न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को निरस्त करते हुए आरोपी को बरी कर दिया।

मामला इस प्रकार था कि वादी मुकदमा योगेश कुमार त्यागी ने आरोप लगाया था कि आरोपी अमृत लाल, जो हीरे और नगों का कारोबार करता था, ने उनसे व्यापार के लिए 10 लाख रुपये उधार लिए थे। जब वादी ने उसे भुगतान का तगादा किया, तो आरोपी ने सात लाख रुपये का चैक दिया जो डिसऑनर हो गया। इसके बाद वादी ने थाना शाहगंज में मामला दर्ज कराया और आरोपी के खिलाफ चैक डिसऑनर की शिकायत की।

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अधीनस्थ न्यायालय ने 10 नवंबर 2022 को आरोपी अमृत लाल को डेढ़ वर्ष की सजा और 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद आरोपी ने अपनी ओर से अपील की, जिसके बाद यह मामला सत्र न्यायालय पहुंचा।

सत्र न्यायालय के एडीजें 10 काशी नाथ ने आरोपी के अधिवक्ता नरेश शर्मा के तर्कों को ध्यान में रखते हुए पाया कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश में विधिक त्रुटि थी। इसके आधार पर सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को निरस्त करते हुए आरोपी को बरी करने का आदेश दिया।

इस फैसले के बाद आरोपी अमृत लाल उर्फ अमृत पाल को राहत मिली है और वह अब इस मामले से मुक्त हो गया है।

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