UP: किसान की बेटी ने रचा इतिहास, दक्षिण कोरिया से पीएचडी, कैंसर शोध के लिए स्लोवाकिया जाएंगी

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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डॉ. प्रतिभा

इटावा: जसवंत नगर के एक छोटे से गांव सिरहोल की बेटी ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने गांव और शहर का, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। शांति देवी इंटर कॉलेज की पूर्व छात्रा और कड़ी मेहनत से सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाली डॉ. प्रतिभा परिहार ने दक्षिण कोरिया से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद अब यूरोपीय देश स्लोवाकिया में कैंसर पर शोध करने के लिए अवसर प्राप्त किया है।

सपनों की उड़ान

डॉ. प्रतिभा का जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के विकासखंड जसवंत नगर के ग्राम सिरहोल में हुआ था। उनके पिता, अरविंद प्रताप सिंह परिहार, एक प्रगतिशील किसान हैं। उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और उसे हर अवसर देने की कोशिश की। डॉ. प्रतिभा ने अपनी शिक्षा की शुरुआत पी एस मेमोरियल स्कूल, जसवंत नगर से की थी, और फिर शांति देवी इंटर कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से वायोकेमिस्ट्री में परास्नातक की डिग्री हासिल की।

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दक्षिण कोरिया में शोध

डॉ. प्रतिभा की मेहनत ने उन्हें दक्षिण कोरिया की प्रतिष्ठित संस्था से स्कॉलरशिप प्राप्त करने का मौका दिया। वहां उन्होंने कैंसर पर आधारित शोध किया और ड्रग डेवलपमेंट पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि उनके गांव और देश के लिए भी गर्व का कारण बनी है।

नए शोध का अवसर

अब, डॉ. प्रतिभा को स्लोवाकिया में एक साल के जॉब और फैलोशिप रिसर्च का अवसर मिला है। वहां वे कैंसर की कोशिकाओं पर गहन अध्ययन करेंगी और डायबिटीज वाले कैंसर रोगियों पर शोध करेंगी। उनका मानना है कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है और इसकी दवा खोजने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी पीएचडी समय से पहले पूरी की है, जो उनके समर्पण और मेहनत को दर्शाता है।

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शिक्षा और सफलता की कुंजी

डॉ. प्रतिभा ने अन्य छात्राओं को संदेश देते हुए कहा, “अपने विषय पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करें और सही विश्वविद्यालय का चुनाव करें। यदि किसी विदेशी विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप प्राप्त हो सके तो उसे जरूर स्वीकार करें। अपने मन को एकाग्र करके शोध कार्य में जुट जाएं, सफलता जरूर मिलेगी।”

प्रेरणा का स्रोत

डॉ. प्रतिभा की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव और समाज के लिए एक प्रेरणा है। एक किसान की बेटी होकर, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि अगर आप दृढ़ निश्चयी हैं तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उनकी यह सफलता यह संदेश देती है कि अगर मन में सच्ची इच्छा हो, तो हालात चाहे जैसे भी हों, आप अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

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डॉ. प्रतिभा परिहार की यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और लक्ष्य की ओर अडिग रहने की मिसाल है। आज वह न केवल अपने परिवार का गौरव बनी हैं, बल्कि पूरी दुनिया में एक नायक के रूप में उभरी हैं। उनका संघर्ष यह साबित करता है कि सही दिशा में किया गया प्रयास कभी विफल नहीं होता।

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