भरतपुर: नगर निगम की पंजीयन शाखा में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही, लोगों की समस्याओं का समाधान दूर, कोई सुनने वाला नहीं

Anil chaudhary
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भरतपुर: नगर निगम की पंजीयन शाखा में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही, लोगों की समस्याओं का समाधान दूर, कोई सुनने वाला नहीं

भरतपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर में नगर निगम की जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन शाखा में अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर सात दिन की समय सीमा के बाद भी शत-प्रतिशत प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई महीनों से लोग इस कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा।

लापरवाही और देरी बनी परेशानी

नगर निगम की पंजीयन शाखा में समय सीमा के बावजूद प्रमाण पत्र जारी न होने के कारण लोग बार-बार कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। जिनमें कुछ लोग तो पिछले 9 महीनों से परेशान हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ। स्थिति यह हो गई है कि लोग अधिकारियों से समाधान की उम्मीद छोड़ चुके हैं और अब तो स्थिति यह है कि कर्मचारी और अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए भी तैयार नहीं हैं।

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रिश्वत लेने के आरोप और दलालों का चलन

कई नागरिकों ने कार्यालय के कर्मचारियों पर रिश्वत लेने के आरोप भी लगाए हैं। कई लोगों का कहना है कि उनके काम दलालों के माध्यम से जल्दी होते हैं, जबकि सामान्य तरीके से आवेदन करने वालों को महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। इस स्थिति ने लोगों के बीच एक अविश्वास की भावना को जन्म दिया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

नगरीय आयुक्त से संपर्क नहीं हो सका

इस पूरे मामले को लेकर जब नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाने की भी जहमत नहीं उठाई। यह बात स्पष्ट करती है कि नगर निगम के अधिकारियों के काम के प्रति कितनी लापरवाही और उदासीनता है। जब लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है, तो उनका विश्वास प्रशासन से उठ जाता है।

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विवाह प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र के लिए परेशान नागरिक

रेखा ने बताया कि उन्होंने 9 महीने पहले अपनी बेटी के विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज तक उनका प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। जब वह कार्यालय में अधिकारियों से संपर्क करती हैं, तो कोई भी सुनने वाला नहीं होता और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता।

इसी तरह रघुवीर सिंह ने बताया कि वे धौलपुर से भरतपुर आए थे और उन्हें नाम में शुद्धिकरण करवाना था, लेकिन महीनों तक प्रयास करने के बाद भी उनका मामला नहीं सुलझा। वहीं, अमित ने बताया कि इस शाखा के बाहर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है। वे लोग महीने भर से इस कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।

नगर निगम आर ओ का बयान

नगर निगम के आर ओ तेजराम मीणा ने बताया कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में करेक्शन के काफी मामले आ रहे हैं। इसके कारण लोगों की भीड़ बढ़ जाती है, खासकर वे लोग जो मोबाइल नंबर अपडेट कराना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सांख्यिकी विभाग में भेजे गए रिक्वेस्ट को वहां से कंफर्म नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से प्रमाण पत्र जारी करने में देरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि अब इस काम के लिए दो अलग-अलग टीमों को लगाया गया है, ताकि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान किया जा सके।

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नगर निगम की लापरवाही पर सवाल

इस पूरे मामले से यह साफ होता है कि नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही और कर्तव्यों के प्रति उदासीनता ने नागरिकों के लिए जीवन की जटिलताओं को और बढ़ा दिया है। लोगों का यह भी कहना है कि यदि कोई उच्च अधिकारी या जिम्मेदार व्यक्ति नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने में इच्छुक नहीं है, तो यह प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।

 

 

 

 

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