आगरा। आगामी मकर सक्रांति पर्व को लेकर रेलवे प्रशासन की ओर से एक महत्वपूर्ण अपील की गई है। रेलवे ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी न करें, क्योंकि यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरने वाली विद्युत तारों में 25,000 वोल्ट तक की उच्च वोल्टेज़ की विद्युत का प्रवाह होता है, जो पतंग की डोर के संपर्क में आने पर गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।
विशेष संरक्षा अभियान
इस संदर्भ में रेलवे प्रशासन ने आगरा और इसके आस-पास के क्षेत्रों में विशेष संरक्षा अभियान चलाने की घोषणा की है। रेलवे जनसंपर्क अधिकारी कु.प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाने के कारण कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। धातु युक्त मांझे से करंट का खतरा अधिक होता है और यह तीव्र गति से शरीर में असर कर सकता है, जिससे जानलेवा हादसे हो सकते हैं।
25,000 वोल्ट का करंट
रेलवे ट्रैक पर मौजूद ओएचसी (ओवरहेड कंटैक्ट लाइन) में 25,000 वोल्ट तक की विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है, जो किसी भी इलेक्ट्रिक शॉक का कारण बन सकती है। ऐसे में, अगर पतंग की डोर इन तारों के संपर्क में आती है, तो यह तेज करंट के झटके का कारण बन सकती है।
रेलवे ट्रैक पर रेलगाड़ियों का खतरा
सिर्फ करंट का खतरा नहीं है, बल्कि रेलवे ट्रैक पर तेज गति से दौड़ती हुई रेलगाड़ियां भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। पतंग उड़ाते वक्त अगर कोई व्यक्ति रेल ट्रैक के पास होता है, तो वह ट्रेन के सामने आ सकता है, जो कि एक भयावह हादसा हो सकता है।
रेलवे की अपील
रेलवे प्रशासन ने सभी नागरिकों से यह अपील की है कि वे मकर सक्रांति पर रेलवे ट्रैक और रेलवे परिसरों से दूर रहें। इसके अलावा, पतंग उड़ाने के लिए सुरक्षित स्थानों का चयन करें और किसी भी तरह के हादसे से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहें।
इस अपील का उद्देश्य आने वाले पर्व को सुरक्षित और खुशहाल बनाना है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। रेलवे प्रशासन ने आम जनता से आग्रह किया है कि वे इन चेतावनियों को गंभीरता से लें और इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए हरसंभव प्रयास करें।