Advertisement

Advertisements

प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, CM योगी ने दी बधाई

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, CM योगी ने दी बधाई

प्रयागराज – उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। इस विशेष अवसर पर पहले ‘अमृत स्नान’ के लिए श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ संगम तटों पर उमड़ी है। महाकुंभ के शुभारंभ पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं को बधाई दी और ट्वीट कर महाकुंभ के ऐतिहासिक महत्व को बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बधाई

सीएम योगी ने अपने ट्वीट में लिखा, “पौष पूर्णिमा की बधाई। विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था और आधुनिकता के संगम में साधना और पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ और प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं।”

सीएम योगी के इस संदेश ने महाकुंभ के महत्व को और भी बढ़ा दिया है, और श्रद्धालुओं में आस्था और विश्वास का संचार किया है।

See also  पंडित प्रकाश चन्द्र शर्मा बने प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद

समानता और समरसता का प्रतीक महाकुंभ

महाकुंभ के शुभारंभ पर लाखों श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में संगम तट पर पहुंचे और पहले ‘अमृत स्नान’ के लिए गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक धार्मिक समागम ने भारतीय संस्कृति की एकता और समरसता को फिर से जीवंत किया है। महाकुंभ में कोई भेदभाव नहीं है, ना कोई ऊंच-नीच। संगम तट पर सभी श्रद्धालु एक समान हैं और यहां हर व्यक्ति में केवल आस्था और श्रद्धा की भावना है।

महाकुंभ की यह विशेषता है कि यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक समागम भी है, जिसमें भारत की विविधताओं में एकता की भावना निखर कर सामने आती है। इस समय संगम तट पर श्रद्धालु एक-दूसरे के साथ मिलकर इस महापर्व का आनंद ले रहे हैं।

144 साल बाद आया महाकुंभ

महाकुंभ 144 साल बाद आया है, और यह एक ऐतिहासिक अवसर है। मान्यता है कि हर 12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है, जो हर 144 साल में एक बार आता है। महाकुंभ का आयोजन केवल प्रयागराज में ही होता है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। इसके अलावा, हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले को पूर्ण कुंभ कहते हैं, और अर्धकुंभ हर 6 साल में आयोजित होता है। अर्धकुंभ केवल प्रयागराज और हरिद्वार में ही होता है।

See also  अजीबोगरीब वारदात: मानना था हनीमून, पंहुचा हवालात... जानिए क्या है पूरा मामला

इस बार, पौष पूर्णिमा के अवसर पर अमृत स्नान के साथ ही महाकुंभ का आयोजन शुरू हुआ है। संगम तट पर श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं, जो न केवल धार्मिक बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि का प्रतीक है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़

प्रयागराज के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं का आना जारी है, जो अपने जीवन के इस सबसे महत्वपूर्ण पल को अनुभव करने के लिए आए हैं। पहले अमृत स्नान में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है, जो अपने साथ आस्था, विश्वास और धार्मिक भावनाओं का आदान-प्रदान करते हुए पवित्र जल में स्नान कर रहे हैं।

See also  आज का इतिहास (1 अक्टूबर, 2023)

युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों सहित सभी वर्ग के लोग इस पवित्र स्नान का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। संगम तट पर श्रद्धालु न केवल स्नान कर रहे हैं बल्कि पूजा अर्चना और दान भी कर रहे हैं, ताकि वे पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें।

महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व

महाकुंभ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस धार्मिक समागम में दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं, जो यहां के तटों पर एकजुट होकर आस्था और विश्वास की शक्ति का अनुभव करते हैं। महाकुंभ के आयोजन से भारत की सांस्कृतिक विविधता और उसकी समृद्ध धार्मिक परंपराओं को एक मंच मिलता है, जो दुनिया भर में भारतीय धर्म और संस्कृति का प्रचार करता है।

 

 

 

Advertisements

See also  आज का इतिहास (1 अक्टूबर, 2023)
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement