नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में भारत सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16 फीसदी बढ़कर 16.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा सरकार के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि पिछले कुछ सालों से टैक्स कलेक्शन को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इन आंकड़ों की पुष्टि की है।
अंकड़े बताते हैं बम्पर इजाफा
1 अप्रैल 2024 से 12 जनवरी 2025 तक के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15.88 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि ने कुल कलेक्शन को लगभग 16.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। इस बढ़ोतरी में मुख्य योगदान पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स का है। पर्सनल इनकम टैक्स समेत अन्य नॉन कॉरपोरेट टैक्स से सरकार ने 8.74 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स से 7.68 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है।
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT)
सरकार ने सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से अब तक 44,538 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं।
रिफंड की बढ़ोतरी
वहीं, वित्तीय वर्ष में सरकार ने टैक्स के रूप में 3.74 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42.49 फीसदी अधिक है।
ग्रोस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि
इस वित्तीय वर्ष में ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 20 फीसदी बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 22.07 लाख करोड़ रुपये रखा है, जिसमें से 10.20 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट टैक्स से और 11.87 लाख करोड़ रुपये पर्सनल इनकम टैक्स एवं अन्य टैक्स से मिलने की उम्मीद है।
आर्थिक सुधार और विकास का संकेत
इस बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि देश में टैक्स कलेक्शन में लगातार सुधार हो रहा है। यह सरकार के लिए एक सकारात्मक संकेत है और अर्थव्यवस्था की मजबूती एवं विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
अगर पिछले आंकड़ों और रुझानों को देखा जाए, तो यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार अपने तय किए गए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लक्ष्य को पूरा करने में सफल रहेगी।