आगरा और आसपास के क्षेत्रों में बुधवार सुबह से छाए घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यातायात की गति धीमी हो गई है, ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं और कड़ाके की ठंड लोगों को परेशान कर रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल बारिश की संभावना है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है। मकर संक्रांति के बाद आमतौर पर ठंड कम होने लगती है, लेकिन इस बार पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है।
रेलगाड़ियाँ 10-12 घंटे लेट, वाहन रेंग-रेंग कर चले, स्कूल खुले (Train Delays, Slow Traffic, Schools Reopen)
पिछले दो हफ़्तों से मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले हुई बारिश के बाद कई दिनों तक घना कोहरा छाया रहा था। फिर दो-तीन दिन मौसम साफ़ रहा, लेकिन बुधवार सुबह लोग घने कोहरे की चादर देखकर सिहर उठे। मंगलवार-बुधवार की रात 11 बजे से ही कोहरे का प्रकोप शुरू हो गया था।
कोहरे के कारण आगरा-नोएडा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, आगरा-दिल्ली हाईवे, आगरा-कानपुर हाईवे, आगरा-जयपुर हाईवे और आगरा-ग्वालियर हाईवे तथा स्टेट हाईवे पर वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं। कोहरे का सबसे ज़्यादा असर रेलगाड़ियों पर पड़ा है। विभिन्न रेलमार्गों से आगरा पहुँचने वाली ट्रेनें 10 से 12 घंटे देरी से पहुँच रही हैं। ट्रेनों के इंतज़ार में स्टेशनों पर यात्रियों का इंतज़ार बहुत कष्टकारी साबित हो रहा है।
इस बीच, जिले के सभी स्कूल आज से खुल गए हैं। कड़ाके की ठंड को देखते हुए माना जा रहा था कि प्रशासन कुछ दिन और स्कूलों की छुट्टी बढ़ा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बेसिक, माध्यमिक और अन्य सभी बोर्डों से संबद्ध स्कूल खुल गए हैं। घने कोहरे में बच्चों को स्कूल जाते देखा गया।
बाज़ारों और दफ्तरों में भी असर (Impact on Markets and Offices)
कड़ाके की ठंड का असर बाज़ारों में भी दिख रहा है। सामान्य दिनों के मुक़ाबले बहुत कम लोग बाज़ारों में पहुँच रहे हैं। इसी तरह सरकारी दफ़्तरों में भी फरियादियों की संख्या कम देखने को मिल रही है।