किसी के झांसे में आकर फर्जी दस्तावेज पर हस्ताक्षर
घटना की शुरुआत तब हुई जब श्रीमती सरोज देवी, निवासी हरी भवन मुस्तफा क्वार्टर थाना सदर बाजार आगरा ने अपनी लिखित तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि उनके पुत्री की शादी के नाम पर उन्हें धोखा दिया गया और तहसील आगरा में कुछ जमीन के पेपर पर हस्ताक्षर करवाए गए। पुलिस ने जांच के बाद पाया कि इस मामले में असली आरोप सही थे और अपराध की गंभीरता सामने आई।
फर्जी बैनामा और जमीनों पर कब्जा
पुलिस द्वारा मामले की गहन जांच की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि अभियुक्त प्रशांत शर्मा और उसके अन्य साथियों ने मिलकर फर्जी बैनामा और ब्लैक प्रपत्र तैयार किए थे। इन कागजात को तहसील सदर के मूल दस्तावेजों में प्रतिस्थापित किया गया था। इसके बाद, भू माफिया ने इन जमीनों पर कब्जा कर लिया या फिर मूल मालिकों से सेटलमेंट के नाम पर लाखों रुपए की मांग की।
अजय कुमार सिसोदिया की गिरफ्तारी
इस मामले में मुख्य अभियुक्त अजय कुमार सिसोदिया का नाम भी सामने आया, जिसने खुद के नाम पर फर्जी बैनामा तैयार कर विवादित भूमि पर कब्जा कर लिया था। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए और अंततः 16 जनवरी 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया। अजय कुमार सिसोदिया के खिलाफ थाना सदर बाजार में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें धारा 420/506/467/468/471/120B आईपीसी शामिल हैं।
पुलिस टीम की बहादुरी
इस गिरफ्तारी में थाना सदर बाजार पुलिस की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम में सब इंस्पेक्टर फारूक खान, आशोक कुमार, वीरेश पलगिरी, उप निरीक्षक आकाश कुमार और कांस्टेबल देवेंद्र सिंह शामिल थे, जिन्होंने बहादुरी से अपराधी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद अजय कुमार सिसोदिया ने अपने अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी दी है, जिनके खिलाफ जांच जारी है।
भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
इस कार्रवाई के तहत पुलिस ने भू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और यह स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब अन्य आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित कर कार्रवाई करने की योजना बना रही है।