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रहस्य और रिश्तों के ताने-बाने से सजी ‘ईरानी चाय’, सस्पेंस भरे अंत ने चौंकाया..

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
रहस्य और रिश्तों के ताने-बाने से सजी ‘ईरानी चाय’, सस्पेंस भरे अंत ने चौंकाया..

नई दिल्ली: जागरण फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन की शुरुआत मनोज श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित थ्रिलर फिल्म ‘ईरानी चाय’ के प्रदर्शन के साथ हुई। फिल्म का शीर्षक दर्शकों के मन में जिज्ञासा पैदा करने के लिए पर्याप्त था। फिल्म का नाम सुनकर यह अंदाजा नहीं था कि यह एक रोमांचक थ्रिलर होगी, क्योंकि इसके शीर्षक से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शायद यह ईरानी पृष्ठभूमि और कलाकारों से सजी फिल्म होगी। हालांकि, फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री मोझगन तारानेह को छोड़कर बाकी सभी कलाकार भारतीय सिनेमा के जाने-माने चेहरे थे। मोझगन ने इस फिल्म में यास्मीन नामक एक जटिल और रहस्यमयी युवती का किरदार निभाया है।

कहानी का आकर्षण – वेश्यावृत्ति और रहस्यमयी खजाना

‘ईरानी चाय’ की कहानी यास्मीन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ईरानी लड़की है। उसका भारत आने का उद्देश्य खास था – अपने बीमार पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करना, जो चाहते थे कि उनकी बेटी एक अभिनेत्री बने। लेकिन भारत पहुंचने के बाद यास्मीन को एक कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ता है। वह वेश्यावृत्ति के दलदल में फंस जाती है, जहां उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।

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फिल्म में यास्मीन की कहानी में एक दिलचस्प मोड़ तब आता है, जब उसे यह पता चलता है कि उसके चार नियमित ग्राहक एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं, और उनमें से एक के पास एक तिजोरी में बड़ी रकम छिपी हुई है। यास्मीन अपने पिता के इलाज के लिए इस धन को हासिल करने की योजना बनाती है। इसके बाद वह एक खतरनाक योजना पर काम करती है, जो उसे रहस्यों और धोखे के जाल में फंसा देती है।

ईरानी चाय का जादू

फिल्म में ईरानी चाय का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यास्मीन हर रात जब अपने चार ग्राहकों को चाय परोसती है, तो यह चाय की चुस्की उनके संवादों और कहानियों को एक नई दिशा देती है। चाय के प्याले के साथ जो कहानियां सामने आती हैं, वे धीरे-धीरे एक पेचीदा और जटिल कहानी का रूप लेती हैं। फिल्म का यह हिस्सा दर्शकों को एक रोमांचक यात्रा पर ले जाता है, जहां हर चाय की चुस्की के साथ नया रहस्य खुलता है।

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रहस्य और रोमांच से भरी एक थ्रिलर

फिल्म में एक महत्वपूर्ण विषय करोड़ों रुपये की रकम है, जिसे एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने जब्त किया था। यास्मीन अपनी चतुराई और दृढ़ संकल्प से उस राशि को हासिल करने में सफल हो जाती है, जिससे वह अपने पिता का इलाज करने के लिए ईरान लौट सकती है। यास्मीन की संघर्ष और साहस की कहानी फिल्म के अंत में एक नई दिशा लेती है और दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।

दर्शकों की सराहना

फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान दर्शकों से खचाखच भरे हाल में फिल्म प्रदर्शित की गई। दो घंटे तक दर्शक इस रहस्यमयी कहानी के साथ जुड़े रहे। फिल्म के अंत में दर्शकों ने जोरदार तालियों से फिल्म की सराहना की और इसके सस्पेंस भरे अंत ने उन्हें पूरी तरह से चौंका दिया। यह फिल्म एक थ्रिलर के तौर पर रिश्तों, धोखे और मानवीय भावनाओं के जाल को शानदार तरीके से प्रस्तुत करती है।

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सशक्त अभिनय और फिल्म के कलाकार

‘ईरानी चाय’ में गोविंद नामदेव, ज़ाकिर हुसैन, अखिलेश मिश्रा, अनंत महादेवन, और अनंग देसाई जैसे अनुभवी कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। इन कलाकारों के सशक्त अभिनय ने फिल्म को और भी प्रभावशाली बना दिया है।

फिल्म का निर्देशन मनोज श्रीवास्तव ने किया है, जिन्होंने इस थ्रिलर को रिश्तों और भावनाओं के गहरे स्तर पर जाकर प्रस्तुत किया। ईरानी चाय न केवल एक मनोरंजक थ्रिलर है, बल्कि यह मानवीय संघर्ष, धोखा, और रिश्तों के पेचीदा ताने-बाने को भी दर्शाती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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