बरहन स्वास्थ्य केंद्र की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है। डॉक्टरों की अनुपस्थिति, गंदगी, और टूटी इमारतें मरीजों के इलाज में रुकावट डाल रही हैं। फार्मासिस्ट पर निर्भर स्वास्थ्य केंद्र, प्रसव के लिए एएनएम नर्स का सहारा, और झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार बनते मरीज।
स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की गैर उपस्थिति के कारण मरीज हो रहे झोलाछाप के शिकार
दूसरों का इलाज करने वाला स्वास्थ्य केंद्र अपने इलाज के लिए लगा रहा गुहार
आगरा (बरहन): प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हालत काफी खराब पड़े हुए हैं मरीजों के इलाज के लिए जानने वाला बरहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने स्वयं के इलाज के लिए काफी वर्षों से गुहार लगा रहा है फिर भी इसका कोई इलाज नहीं है।
हालांकि बात करें हम इस बरहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लाभ लेने के लिए बरहन कस्बा के अलावा आसपास के सैकड़ो गांव ऐसे हैं जो यहां से जुड़े हुए हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र की लचर अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों को किसी प्रकार उपचार का लाभ प्राप्त नहीं होता है।क्षेत्रीय विधायक,सांसद,मंत्री व सरकार के बदलने के बाद भी यहां के हालात जस के तस बने हुए हैं ।स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग टूटी पड़ी है,चारों तरफ गंदगी के अंबार लगे हुए हैं।स्वास्थ्य केंद्र के अंदर स्थानीय लोगों द्वारा भैंस बांधने का तबेला बना रखा है।
यहां स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो स्वास्थ्य केंद्र पर किसी डॉक्टर की उपस्थिति मौजूद नहीं रहती है जिस कारण से मरीजों को बिना इलाज के ही उदास होकर खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है यही कारण है कि आसपास के गांव से कई सैकड़ो की संख्या में पहुंचने वाले मरीजों में कमी देखने को मिलती है अर्थात पीड़ित मरीज झोला छाप डाक्टरों का शिकार भी होते रहते हैं कोरोना काल के बाद लाखों रुपए का बजट खर्च कर सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर एक फुल बॉडी परीक्षण मशीन को स्थापित किया गया था उसका फीता काटने के बाद से वह भी शोपीस बना कर उसे एक कमरे में कैद करके रख दिया जिसका लाभ मरीजों की आकांक्षाओं से कोसों दूर है।स्वास्थ्य केंद्र के अंदर आपको जगह-जगह कीचड़ का दलदल,गंदगी के ढेर व टूटी इमारतें, भैंस के एकत्रित गोबर जैसी आदि समस्याएं प्रतिदिन देखने को मिलेंगे।
फार्मासिस्ट के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र, डॉक्टर नहीं
बरहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महज केबल फार्मासिस्ट के भरोसे पर चल रहा है यहां डॉक्टर की उपस्थिती मौजूद नहीं रहती है दवाओं से लेकर मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण तक का जिम्मा फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। आपातकालीन स्थिति में मरीज का इलाज दरकिनार मौजूद रहता है।
प्रसुताओं का प्रसव रहता है एएनएम नर्स के जिम्मे में
बरहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव वार्ड में डॉक्टर की तैनाती नहीं होने के कारण अस्पताल में जो प्रसव के लिए प्रसूता महिला पहुंचती हैं उनके प्रसव कराने की जिम्मेवारी एएनएम नर्स के भरोसे रहती है। एएनएम की देखरेख में ही प्रसुताओं का प्रसव होता है कभी कभी अस्पताल से वह भी गायब नजर आती हैं। बहुत से प्रसव के मामले एएनएम से न संभलने पर प्रसुताओं को आगरा के लिए रेफर भी किया जाता है।