भरतपुर: भरतपुर के विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र भेजकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी चिंता जाहिर की है। पत्र में उन्होंने मांग की है कि आगामी बजट में मानसिंह सर्किल से यूपी बार्डर (अछनेरा रोड) तक सड़क को फोर लेन में परिवर्तित किया जाए। साथ ही, उन्होंने भरतपुर विधानसभा क्षेत्र की कुछ ग्राम पंचायतों के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) में क्रमोन्नत करने का भी आग्रह किया है।
मानसिंह सर्किल से यूपी बार्डर तक फोर लेन सड़क की मांग
डॉ. सुभाष गर्ग ने मुख्यमंत्री को पत्र में बताया कि भरतपुर-अछनेरा रोड पर वाहनों का अत्यधिक दबाव है और यह मार्ग कई महत्वपूर्ण गांवों को जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश तक पहुंचता है। इस मार्ग का उपयोग मुख्य रूप से भरतपुर आने-जाने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता है। हालांकि, सड़क की संकीर्णता के कारण न केवल क्षेत्रीय लोगों को परेशानी होती है, बल्कि पर्यटकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
सड़क की खराब स्थिति और उसकी संकीर्णता के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस संदर्भ में, डॉ. गर्ग ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आगामी बजट में इस मार्ग को फोर लेन में परिवर्तित किया जाए और इसकी चौड़ाई व सौंदर्यकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार
इसके अलावा, डॉ. गर्ग ने पत्र में ग्राम पंचायत ऊंदरा, सुनारी और गांवडी के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) में क्रमोन्नत करने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि इन ग्राम पंचायतों के उपस्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज की सुविधाएं सीमित हैं और वहां के ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त नहीं हो पाती हैं।
डॉ. गर्ग का कहना है कि इन क्षेत्रों की आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर पर्याप्त नहीं है। यदि इन उपस्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया जाता है, तो ग्रामीणों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा।
ग्रामीणों को मिलेगा लाभ
विधायक डॉ. गर्ग ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस प्रस्ताव को आगामी बजट में शामिल किया जाए, ताकि क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बेहतर लाभ मिल सके। उनके अनुसार, इस कदम से न केवल लोगों की सेहत में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र की समग्र विकास प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा।