ट्रंप की मनमानी पर लगा ब्रेक, अदालत ने नागरिकता आदेश पर लगाई रोक, आदेश को बताया ‘असंवैधानिक’

Manisha singh
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वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़े कानूनी झटके का सामना करना पड़ा है। अमेरिकी फेडरल जज ने ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने जन्म के आधार पर नागरिकता देने के अधिकार को खत्म करने की कोशिश की थी। जज ने इस आदेश को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे लागू करने से रोक दिया, जिससे फिलहाल अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिलती रहेगी।

क्या था ट्रंप का विवादास्पद आदेश?

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2021 को अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन इस आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस आदेश का उद्देश्य उन बच्चों को नागरिकता देने से रोकना था जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले प्रवासियों या वीजा पर रहने वाले लोगों के यहां जन्म लेते हैं। ट्रंप का यह कदम अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में दिए गए नागरिकता के अधिकार के खिलाफ था, जो अमेरिकी धरती पर जन्म लेने वाले सभी बच्चों को नागरिकता देने की गारंटी प्रदान करता है।

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डेमोक्रेटिक शासित राज्यों की याचिका

ट्रंप के इस आदेश के खिलाफ चार डेमोक्रेटिक शासित राज्यों ने अदालत में याचिका दायर की थी। वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन जैसे राज्यों ने यह दावा किया कि ट्रंप का कार्यकारी आदेश अमेरिकी संविधान का उल्लंघन करता है। उनका कहना था कि यह आदेश उन नागरिकों के अधिकारों को छीनता है जो संविधान के तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता देने का प्रावधान रखते हैं।

फेडरल जज जॉन कॉफनर का फैसला

इस मामले की सुनवाई कर रहे अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कॉफनर ने ट्रंप के आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी। जज ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आ रहा कि कोई कानूनविद यह कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है। यह तो मेरी समझ से बाहर है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे इतने सालों से न्यायपालिका में हैं, लेकिन उन्हें ऐसा कोई मामला याद नहीं आता जो इस मामले में उठाए गए सवालों जितना स्पष्ट हो।

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ट्रंप के आदेश का उद्देश्य

ट्रंप का यह आदेश अवैध प्रवासियों के बच्चों को अमेरिका की नागरिकता देने से रोकने के लिए था, ताकि उन बच्चों के माता-पिता को किसी कानूनी अधिकार का लाभ न मिले। ट्रंप प्रशासन का कहना था कि अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों को नागरिकता देने का अधिकार केवल तब तक लागू होना चाहिए जब वे वैध रूप से देश में प्रवेश करें, न कि अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों के बच्चों को यह अधिकार दिया जाए।

अदालत का फैसला ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका

यह फैसला ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि ट्रंप ने अपनी चुनावी मुहिम के दौरान इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाया था। उन्होंने इसे अमेरिकी सुरक्षा और अवैध प्रवास को रोकने के प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया था। अब इस फैसले से ट्रंप के कार्यकारी आदेश की कानूनी वैधता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

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क्या यह आदेश अंतिम रूप से निरस्त हो जाएगा?

यह अस्थायी रोक का आदेश अगले कुछ महीनों तक प्रभावी रहेगा, जब तक इस पर और अधिक सुनवाई नहीं हो जाती। हालांकि, अदालत के इस फैसले से ट्रंप प्रशासन को अपनी योजना को कानूनी तौर पर मजबूती से साबित करने के लिए और अधिक कानूनी संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। इसके बाद यह देखना होगा कि उच्च न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या यह अस्थायी रोक स्थायी रूप से बदल जाएगी या नहीं।

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