आगरा नगर निगम में फर्जीवाड़े का खुलासा, एसडीएम ने जांच के दिए आदेश

Saurabh Sharma
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आगरा: आगरा नगर निगम द्वारा शिकायतों के निस्तारण में फर्जीवाड़े की घटनाओं का खुलासा हुआ है। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि नगर निगम द्वारा शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है। जब तक समस्या का समाधान नहीं होता, नगर निगम के स्तर से निस्तारण की झूठी रिपोर्ट भेज दी जाती है। यह आरोप शहरवासियों द्वारा लंबे समय से लगाए जा रहे थे, और हाल ही में तहसील सदर में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ।

शिकायतकर्ता ने खोला फर्जीवाड़े का पर्दा

गोकुलपुरा के निवासी जितेंद्र सिंह और विजय कुमार ने 19 फरवरी को नगर निगम में नाली की सफाई को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद, उन्हें सूचना दी गई कि उनकी शिकायत का समाधान कर दिया गया है। हालांकि, जब उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया, तो पाया कि नाली जैसी की तैसी पड़ी हुई थी और न कोई सफाई हुई थी, न ही किसी नगर निगम अधिकारी ने मौके पर जाकर समस्या का समाधान किया था। इस झूठी रिपोर्ट ने उन्हें हैरान कर दिया और उन्होंने इसे एसडीएम के सामने उठाया।

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एसडीएम ने जांच के आदेश दिए

शिकायतकर्ताओं द्वारा अपने आरोपों को एसडीएम के सामने रखा जाने के बाद एसडीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अगर शिकायतों के समाधान में फर्जीवाड़ा हो रहा है, तो यह गंभीर विषय है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम के आदेश के बाद यह साफ हो गया कि नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी जाएगी।

समाधान दिवस में दर्ज हुईं 127 शिकायतें

तहसील सदर में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 127 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 35 शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित थीं। एसडीएम के आदेश के बाद राजस्व विभाग ने 16 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया, लेकिन नगर निगम की शिकायतों का समाधान करने में अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर सामने आई। यह घटनाक्रम नगर निगम के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है और नगरवासियों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

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नगर निगम के लिए सवाल खड़े होने लगे

नगर निगम के अधिकारियों द्वारा की जा रही लापरवाही और शिकायतों के समाधान में झूठी रिपोर्टिंग से शहरवासियों में गुस्सा और निराशा व्याप्त हो गई है। नागरिकों ने सवाल उठाया है कि जब शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा है, तो नगर निगम क्यों झूठी रिपोर्ट भेजता है? यह स्थिति शहर के विकास और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

समाधान के लिए नागरिकों को एसडीएम से उम्मीद

एसडीएम द्वारा मामले की जांच शुरू करने के बाद नागरिकों को उम्मीद है कि अब नगर निगम के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होगा। यदि इस जांच में नगर निगम के अधिकारियों पर दोष सिद्ध होता है, तो यह प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक अहम संदेश होगा कि जनता के मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए और उनका समाधान शीघ्र किया जाए।

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आगरा नगर निगम के स्तर पर शिकायतों के समाधान में हो रहे फर्जीवाड़े ने नगरवासियों को एक बार फिर निराश किया है। एसडीएम द्वारा जांच के आदेश देने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई होती है और नगर निगम के अधिकारियों को किस हद तक जवाबदेह ठहराया जाता है।

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