आगरा: भारतीय सेना के 24 वर्षीय लेफ्टिनेंट आजाद सिंह चाहर का बुधवार को उनके पैतृक गांव अकोला में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। यह घटना गमगीन माहौल में हुई, जहां परिजनों और ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे।
लेफ्टिनेंट आजाद सिंह करीब 15 दिनों से बीमार चल रहे थे और मंगलवार की रात दिल्ली के सैनिक अस्पताल में उनका निधन हो गया। बुधवार दोपहर करीब 3 बजे उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटकर उनके पैतृक गांव अकोला लाया गया, जहां सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके छोटे भाई अभिषेक चाहर ने उन्हें मुखाग्नि दी।
आजाद सिंह चाहर के पिता गजेंद्र सिंह ने बताया कि उनका परिवार तीन भाइयों का है—आजाद सिंह चाहर, आकाश चाहर और अभिषेक चाहर। आजाद सिंह ने 1 जुलाई 2019 को एनडीए में भर्ती होकर 10 जून 2023 को आईएमए देहरादून से पासिंग आउट किया था और सेना में अफसर बने थे।
वर्तमान में, लेफ्टिनेंट आजाद सिंह 22 मीडियम रेजिमेंट में जम्मू कश्मीर के बारामूला में तैनात थे। उनका इलाज दिल्ली के सैनिक अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
पारिवारिक सदस्य और गांववाले इस दु:खद घटना से गहरे शोक में डूबे हुए थे। सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया और इस दौरान सैकड़ों लोग उनकी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए।
मां सुनीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल था, और परिवार में करुण क्रंदन मच गया। जैसे ही ताबूत खोला गया, स्वजनों के बीच कोहराम मच गया, और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
सैनिक को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर के पुत्र शूरवीर चाहर, नवनियुक्त रालोद जिलाध्यक्ष गोविंद शर्मा, समाजसेवी अरविंद चाहर, भाजपा नेता अशोक लवानियां, कैप्टन महेश चाहर, और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह दुखद घटना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए अपूरणीय क्षति है। लेफ्टिनेंट आजाद सिंह चाहर ने अपनी जान देश की सेवा में दी और उनकी वीरता को हमेशा याद किया जाएगा।