गोरखपुर: पंडित भृगुनाथ चतुर्वेदी कालेज ऑफ लॉ, बड़हलगंज गोरखपुर में आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने की।
अपने उद्घाटन संबोधन में डॉ. पाण्डेय ने कहा कि हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो महिलाओं की सम्मान और उनके योगदान को मान्यता देने का दिन है। इस वर्ष की थीम भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समर्पित की गई है, जो अनुसूचित जनजाति समाज से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि महिला दिवस का यह उत्सव महिलाओं के समाज में योगदान को पहचानने और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए मनाया जा रहा है।
डॉ. पाण्डेय ने यह भी कहा कि समाज के संचालन में महिलाओं की अहम भूमिका है और उन्हें सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक विकास की मुख्यधारा में शामिल कर एक समृद्ध समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि वर्तमान समय में महिलाएं सेना, पुलिस, शिक्षा, विज्ञान, पायलटिंग, राजनीति, चिकित्सा और कई अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रभावी भूमिका निभा रही हैं।
महाविद्यालय के मुख्य नियंता चन्द्र भूषण तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं को सम्मान देना और उन्हें समाज के विभिन्न क्रियाकलापों में समान रूप से भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह दिन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी है, जिससे उन्हें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से मजबूत किया जा सके।
असिस्टेंट प्रोफेसर फकरुद्दीन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार को महिलाओं को शिक्षा देने और समान रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि महिलाओं को सही मौके दिए जाएं तो वे समाज की बेहतरी में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीतीश कुमार तिवारी ने महिलाओं के अधिकारों के संदर्भ में हमारे संविधान के प्रावधानों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद कई कानून बनाए गए हैं जो महिलाओं के हित में हैं, लेकिन उनका सही उपयोग करना चाहिए।
असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष कुमार गुप्ता ने भी महिलाओं के अधिकारों के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर परिस्थिति में समान अवसर मिलना चाहिए, चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो।
कार्यक्रम का संचालन सोनी यादव और रोजी फातमा ने किया। संगोष्ठी में दिव्यांशी यादव, पूजा, दिव्या, सोनू, अंकुर, शशि, मुस्कान, आदर्श, अंशुमान, प्रांजल, निलम और अन्य छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के महत्व पर चर्चा की।