लखनऊ, उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के बदले घूस की मांग की थी। इस मामले में पुलिस ने वसूलीबाज निकांत जैन को गिरफ्तार किया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
मामला क्या है?
राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में बृहस्पतिवार को सामने आए एक भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल कार्रवाई की। सोलर पावर कंपनी की ओर से इस मामले की शिकायत करने के बाद, जांच में यह आरोप सही पाए गए कि अभिषेक प्रकाश ने कंपनी के प्रतिनिधियों से प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने के लिए घूस की मांग की थी। इसके बाद पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार किया, जो इस मामले में बिचौलिए के रूप में काम कर रहा था।
घूस का खेल: पांच प्रतिशत कमीशन
सूत्रों के मुताबिक, अभिषेक प्रकाश ने सोलर पावर कंपनी के संचालकों को निकांत जैन से संपर्क करने को कहा था। जैन ने प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए कंपनी से उसकी कुल लागत का पांच प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांगा था। जब कंपनी के प्रतिनिधि ने यह बात मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित की, तो मामला गंभीर हो गया।
कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दास ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से इस संबंध में शिकायत की थी, जिसमें बताया गया कि कंपनी के लिए सोलर प्रोजेक्ट लगाने की प्रक्रिया में इंवेस्ट यूपी के अधिकारियों ने एक बिचौलिए के रूप में निकांत जैन से संपर्क करने को कहा। जैन ने रिश्वत की मांग करते हुए कहा कि अगर कंपनी ने कमीशन नहीं दिया, तो उनका प्रोजेक्ट लटक सकता है।
मुख्यमंत्री का कड़ा कदम
मुख्य सचिव से शिकायत के बाद, इस मामले की गोपनीय जांच कराई गई और आरोप सही पाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया और पूरे मामले में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया।
अब क्या होगा?
मुख्यमंत्री के इस कदम से यह साफ हो गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं देंगे। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी और साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इंवेस्ट यूपी और अन्य विभागों में लटकी फाइलों की भी जांच की जाएगी। खासकर विकास प्राधिकरणों में लंबित फाइलों को लेकर सरकार सख्ती से काम करने की योजना बना रही है।
क्या हो रही है जांच?
सूत्रों की मानें तो अयोध्या और वाराणसी विकास प्राधिकरणों में कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने की फाइलें लंबे समय से लटकाई जा रही हैं। यह फाइलें सरकार की प्राथमिकता में हैं और सरकार जल्द ही इन पर सख्त कार्रवाई करने की योजना बना सकती है।
भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री की सख्त नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किए गए इस कड़े कदम के बाद यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की नीति बेहद सख्त है। इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और रिश्वतखोरी के मामले में मुकदमा दर्ज करना एक बड़ा संकेत है कि योगी सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।