UP News, लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद के निघासन तहसील अंतर्गत स्थित गांव झंडी राज आज भी अपनी अनूठी परंपराओं और रीति-रिवाजों के लिए खास पहचान रखता है। यह गांव न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के लोग अपनी पुरानी परंपराओं को भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हैं। झंडी गांव की पहचान यहां के राज परिवार से है, जो गांव में कई अनूठी परंपराओं का पालन करते हैं।
झंडी राज और उनकी परंपराएं
झंडी राज परिवार के वर्तमान राजा राज राजेश्वर सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी बदौलत गांव के लोग आज भी कई पुरानी रीति रिवाजों को निभाते हुए अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यहां की एक खास परंपरा है, जो समय के साथ भी नहीं बदली। यह परंपरा है—गांव में समय बताने के लिए एक घंटे का बजाया जाना।
घंटे से गांव में समय की जानकारी
अतीत में जब हर घर में घड़ी नहीं हुआ करती थी और लोग समय जानने के लिए महल या अन्य किसी स्रोत पर निर्भर रहते थे, तो झंडी राज परिवार ने एक अनूठी पहल की थी। राज महल परिसर के भीतर एक घंटा लगाया गया था, जिससे गांव वाले हर घंटे का सही समय जान सकें।
समय के साथ आधुनिकता आई, स्मार्टफोन और घड़ी के माध्यम से लोग अपनी समय की जरूरतें पूरी करने लगे, लेकिन झंडी राज परिवार ने अपनी परंपरा को बरकरार रखा है। आज भी झंडी गांव में हर घंटे पर घंटा बजता है, जो न केवल गांव बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी गूंजता है। इस घंटी की आवाज से गांव के लोग समय का पता लगाते हैं और अपने दैनिक कार्यों को समय अनुसार पूरा करते हैं।
घंटा बजाने के लिए नियुक्त किया गया विशेष व्यक्ति
राज परिवार ने इस परंपरा को बनाए रखने के लिए एक विशेष व्यक्ति को नियुक्त किया है, जो हर घंटे के समय पर घंटा बजाता है। यह व्यक्ति प्रतिमाह राज परिवार से मानदेय प्राप्त करता है। घंटा बजाने का कार्य अब भी पुराने ढंग से किया जाता है और इसकी आवाज आसपास के गांवों में भी सुनाई देती है, जो एक अद्भुत अनुभव होता है।
धातु से बना घंटा
यह घंटा कई प्रकार की धातुओं से मिलकर बना है, और इसकी ध्वनि बहुत दूर तक सुनाई देती है। घंटा इतना मजबूत और भव्य है कि इसकी आवाज पूरे क्षेत्र में गूंजती है, जिससे ग्रामीणों को समय का सही ज्ञान होता है।
नवीनता के बीच परंपरा की महत्ता
आज के इस तकनीकी युग में जब लोग हर चीज के लिए मोबाइल फोन और स्मार्ट डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, झंडी राज परिवार की यह परंपरा गांव के लोगों में समय के प्रति एक विशेष सम्मान और बोध उत्पन्न करती है। यह परंपरा न केवल गांव के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक उदाहरण बन चुकी है, जहां आज भी पुरानी परंपराओं को संजोकर रखा गया है।
झंडी राज परिवार की भूमिका
राज राजेश्वर सिंह और उनका परिवार गांव की परंपराओं को जीवित रखने के लिए लगातार कार्यरत हैं। उनकी कोशिशें यह साबित करती हैं कि चाहे समय कितना भी बदल जाए, हमारी धरोहर और रीति-रिवाजों की महत्ता कभी कम नहीं होनी चाहिए। झंडी गांव में आज भी हर एक कदम पर परंपरा और सम्मान का आदान-प्रदान होता है, जो इस इलाके को एक अनोखा रूप देता है।