लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए हर 50 किमी पर बनेंगे पार्किंग स्थल, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

Jagannath Prasad
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लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए हर 50 किमी पर बनेंगे पार्किंग स्थल, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। अब इस एक्सप्रेसवे पर हर 50 किलोमीटर के दायरे में पार्किंग स्थल (ले-बाई) बनाए जाएंगे, जिससे न केवल वाहनों के लिए सुरक्षित ठहराव मिलेगा, बल्कि एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा। यह प्रस्ताव यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तैयार किया गया और शासन को भेजा गया है।

यूपीडा द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना

यूपीडा ने इस कार्ययोजना के तहत एक्सप्रेसवे पर हर 50 किलोमीटर की दूरी पर पार्किंग स्थल बनाने की योजना बनाई है। इन स्थलों पर न केवल वाहन पार्क करने की सुविधा होगी, बल्कि चालक अपनी थकान को दूर करने के लिए आराम करने, नित्यक्रिया करने और खाने-पीने जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठा सकेंगे। इससे चालक एक्सप्रेसवे पर लंबे समय तक सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे और सड़कों पर अवैध रूप से खड़े होने वाली वाहनों की संख्या में भी कमी आएगी।

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सड़क दुर्घटनाओं की वजह और समाधान

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह वाहनों की अवैध पार्किंग है। अक्सर भारी वाहन चालक अपने टायर ठंडा करने या आराम करने के लिए सड़क के किनारे वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे तेज रफ्तार से आ रहे अन्य वाहनों के साथ टक्कर हो जाती है। खासकर रात के समय ये दुर्घटनाएं और बढ़ जाती हैं क्योंकि दूसरी वाहन चालकों को सही से देख पाना मुश्किल हो जाता है। पार्किंग स्थल बन जाने से चालक इन स्थानों पर सुरक्षित रूप से रुक सकेंगे और हादसों की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।

पार्किंग स्थल की विशेषताएँ

प्रस्ताव के अनुसार, छह प्रमुख स्थानों पर इन पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जाएगा। इन स्थलों में नहाने, खाने और आराम करने की पूरी व्यवस्था होगी, जिससे लंबी यात्रा पर जाने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी। इन पार्किंग स्थलों के निर्माण से ना केवल वाहनों के दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, बल्कि चालक अपनी थकान भी दूर कर सकेंगे और सुरक्षित यात्रा जारी रख सकेंगे।

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टोल प्लाजा पर स्लीपिंग जोन की समस्या

टोल प्लाजा पर भी भारी वाहनों के चालक टायर ठंडा करने के बहाने घंटों तक वाहन खड़ा कर देते हैं। इससे टोल पर भारी भीड़ और छोटे वाहनों के लिए निकलने में परेशानी उत्पन्न होती है। यूपीडा ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और स्लीपिंग जोन को खत्म करने के लिए चालान की कार्रवाई शुरू कर दी है।

अवैध पार्किंग से होने वाले हादसे

जनवरी 2023 से अब तक, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर अवैध पार्किंग के कारण 14 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 12 लोगों की जान चली गई, जबकि 31 लोग घायल हुए हैं। यह दुर्घटनाएँ मुख्य रूप से उन स्थानों पर हुई हैं, जहां वाहनों को पार्किंग लेन से बाहर खड़ा किया गया था। तेज रफ्तार से आने वाले वाहन इन खड़े वाहनों से टकरा गए थे।

ट्रक एसोसिएशन का समर्थन

लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालकों ने इस योजना का स्वागत किया है। ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि चालक हर 40-50 किलोमीटर पर टायर ठंडा करने के लिए रुकते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे पर ले-बाई स्थल न होने के कारण उन्हें सड़क किनारे खड़ा करना पड़ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। उनका मानना है कि यदि ये पार्किंग स्थल बन जाते हैं, तो ना केवल चालक सुरक्षित रहेंगे, बल्कि हादसों की संख्या में भी कमी आएगी।

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मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव की स्वीकृति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वीडियोकांफ्रेंसिंग में यह मुद्दा यूपीडा के अधिकारियों द्वारा उठाया गया था, और अब प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद, हर 50 किलोमीटर की दूरी पर इन पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जाएगा, जिससे न केवल चालक को राहत मिलेगी बल्कि एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए पार्किंग स्थलों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सड़क सुरक्षा में सुधार करेगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाएगा। यह योजना चालक और अन्य वाहन चालकों के लिए सुरक्षा का एक नया रास्ता खोलेगी, और एक्सप्रेसवे पर यात्रा को और भी सुरक्षित बनाएगी।

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